क्या केंद्र राज्यों के समावेशी विकास में मदद को हमेशा तत्पर है? : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

सारांश
Key Takeaways
- केंद्र सरकार राज्यों के समावेशी विकास में सहायता के लिए तत्पर है।
- सभी राज्यों ने विकास और जनकल्याण पर जोर दिया।
- बैठक में जल प्रबंधन और सामाजिक न्याय पर चर्चा हुई।
रांची, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में गुरुवार को रांची में पूर्वी क्षेत्रीय अंतरराज्यीय परिषद की 27वीं बैठक का आयोजन हुआ, जहां झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा से संबंधित 20 महत्वपूर्ण मुद्दों पर व्यापक सहमति बनी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार राज्यों के समावेशी विकास की योजनाओं के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है। उन्होंने राज्यों द्वारा प्रस्तुत मांगों पर उचित कार्रवाई का भी विश्वास दिलाया। चारों राज्यों की सरकारों ने विकास, जनकल्याण, क्षेत्रीय संतुलन, जल संसाधनों के वितरण और अपराध नियंत्रण से जुड़े मुद्दों पर बेहतर समन्वय के साथ काम करने का संकल्प लिया।
रांची के रेडिशन ब्लू होटल में आयोजित इस बैठक में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य की तरफ से कुल 31 मांगें प्रस्तुत कीं। उन्होंने विकास, सामाजिक न्याय और क्षेत्रीय संतुलन को प्राथमिकता देने पर जोर दिया। सोरेन ने रांची में मेट्रो ट्रेन परियोजना शुरू करने, राज्य की दामोदर नदी को नमामि गंगे परियोजना में शामिल करने और आदिवासी सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण जैसी प्रमुख मांगें उठाईं। उन्होंने कोल कंपनियों के पास राज्य की 1.40 लाख करोड़ रुपए की बकाया राशि का मुद्दा भी उठाया और शीघ्र भुगतान की मांग की।
उन्होंने कहा कि जिन खदानों में खनन कार्य पूरा हो चुका है, उन्हें सुरक्षित तरीके से बंद किया जाना चाहिए।
बिहार की तरफ से बैठक में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि बिहार में गंगा, कोसी सहित अन्य नदियों से होने वाले जलस्राव और गाद के कारण हर साल आने वाली बाढ़ की समस्या के स्थायी समाधान के लिए व्यापक गाद प्रबंधन नीति बनाने पर सहमति बनी है।
चौधरी ने कहा कि बैठक में बिहार और झारखंड के बीच सोन नदी के जल बंटवारे पर सहमति बनी है। इन्द्रपुरी जलाशय और बाणसागर समझौते के तहत इस नदी का 5.75 एमएएफ जल बिहार को और 2.00 एमएएफ जल झारखंड को आवंटित किया जाएगा। बिहार सरकार के प्रतिनिधियों ने बैठक में फरक्का बराज के निर्माण से गंगा नदी का अविरल बहाव सुनिश्चित करने और बिहार-पश्चिम बंगाल सीमा पर कटावरोधी कार्यों के खर्च का शत-प्रतिशत भार केंद्र सरकार द्वारा उठाने की मांग की।
उपमुख्यमंत्री चौधरी ने गंगा और नेपाल से आने वाली नदियों के जल प्रबंधन के लिए समन्वित नीति बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने राज्य की सभी ग्राम पंचायतों में बैंकों की शाखाएं खोलने के लिए केंद्र से मदद का अनुरोध किया। माझी ने कहा कि राज्य में 6,794 ग्राम पंचायतों में से केवल 2,421 में ही बैंक शाखाएं हैं, जबकि शेष 4,373 ग्राम पंचायतें अब भी बैंक शाखाओं से वंचित हैं।
उन्होंने कहा कि इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्याओं को दूर करने के लिए केंद्र को आवश्यक कदम उठाने चाहिए ताकि बैंकों को शेष पंचायतों में शाखाएं खोलने में सुविधा हो सके।
पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से बैठक में भाग ले रही वित्त राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) चंद्रिमा भट्टाचार्य ने "भड़काऊ सोशल मीडिया" सामग्री पर रोक लगाने के लिए कड़े राष्ट्रीय कानून बनाने की मांग की।
इसके अलावा, उन्होंने राज्य की ओर से केंद्र प्रायोजित विभिन्न योजनाओं के तहत लंबित बकाया भुगतान का मुद्दा भी उठाया।