क्या सरकार ने मोबाइल फोन में संचार साथी ऐप के प्री-इंस्टॉलेशन की अनिवार्यता समाप्त की?
सारांश
Key Takeaways
- सरकार ने प्री-इंस्टॉलेशन की अनिवार्यता समाप्त की.
- संचार साथी ऐप नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करता है.
- उपयोगकर्ता चाहें तो ऐप को हटा सकते हैं.
- फर्जी कनेक्शनों की संख्या में कमी आई है.
- सरकार का लक्ष्य लोगों की सुरक्षा है.
नई दिल्ली, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सरकार ने मोबाइल फोन में संचार साथी ऐप के प्री-इंस्टॉलेशन की अनिवार्यता समाप्त कर दी है। यह जानकारी संचार मंत्रालय ने बुधवार को दी।
यह निर्णय उस समय लिया गया है, जब संचार साथी ऐप के प्री-इंस्टॉलेशन को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ था और कई विपक्षी नेताओं ने इस फैसले की आलोचना की थी।
सरकार ने बताया कि सभी नागरिकों को साइबर सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से स्मार्टफोनों में संचार साथी ऐप का प्री-इंस्टॉलेशन अनिवार्य किया गया था। यह ऐप पूरी तरह से सुरक्षित है और नागरिकों को साइबर अपराधियों से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
सरकार के बयान में कहा गया कि यह ऐप नागरिकों को धोखाधड़ी से संबंधित शिकायतें दर्ज कराने में मदद करता है और साथ ही उपयोगकर्ताओं को भी सुरक्षित रखता है। इस ऐप का अन्य कोई उद्देश्य नहीं है और उपयोगकर्ता इसे जब चाहें हटा सकते हैं।
मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए सिंधिया ने कहा कि सरकार का उद्देश्य आम जनता की सुरक्षा है। जैसे-जैसे संचार की सुविधा बढ़ी है, कुछ लोग इसका दुरुपयोग कर रहे हैं और इसे रोकने में संचार साथी ऐप काफी सहायक साबित हुआ है।
उन्होंने बताया कि संचार साथी ऐप के माध्यम से अब तक करीब 1.75 करोड़ फर्जी मोबाइल कनेक्शनों को रद्द किया गया है। इससे लगभग 7.5 लाख चोरी के मोबाइल फोन उपभोक्ताओं को वापस मिले हैं। इसके अतिरिक्त, 21 लाख मोबाइल कनेक्शनों को उपभोक्ताओं की रिपोर्ट के आधार पर बंद किया गया है।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि संचार साथी का उपयोग पूरी तरह से उपभोक्ता पर निर्भर करता है। उपयोगकर्ता चाहें तो इसे अपने मोबाइल में पंजीकरण करके सक्रिय कर सकते हैं या आवश्यकता न होने पर इसे हटा भी सकते हैं।