क्या मेट्रो सिटी से अलग 9 नए उभरते बाजार कॉरपोरेट माइग्रेशन को बढ़ावा दे रहे हैं?
सारांश
Key Takeaways
- भारत के नौ नए उभरते बाजार कॉरपोरेट माइग्रेशन को बढ़ावा दे रहे हैं।
- जयपुर और लखनऊ जैसे शहर आईटी और डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- कोयंबटूर और कोच्चि में सुरक्षित वातावरण और हाई-स्पीड कनेक्टिविटी उपलब्ध है।
- भुवनेश्वर और गुवाहाटी जैसे शहर निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं।
- इन शहरों का विकास भारत की आर्थिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।
मुंबई, 10 नवंबर (राष्ट्र प्रेस) । कॉरपोरेट कंपनियों के लिए मेट्रो सिटी से अलग अब नए उभरते बाजार कॉरपोरेट माइग्रेशन को बढ़ावा दे रहे हैं। सोमवार को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 10 लाख करोड़ रुपए की कुल इकोनॉमी के साथ नौ उभरते बाजारों में 70 मिलियन वर्ग फीट के ग्रेड ए ऑफिस स्पेस मौजूद हैं। इसके अलावा, ये शहर 80 मिलियन वर्ग फीट के लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर को मैनेज कर रहे हैं।
जेएलएल की एक लेटेस्ट रिपोर्ट बताती है कि जयपुर कई बड़ी आईटी कंपनियों के लिए एक टेक्नोलॉजी डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा है, जिसकी पहचान ऐतिहासिक रूप से एक टूरिज्म, ज्वेलरी और गारमेंट इंडस्ट्री हब के रूप में होती आई है।
इंटरनेशनल एयरपोर्ट और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की वजह से शहर की कनेक्टिविटी में सुधार हुआ है। साथ ही, कोचिंग हब और नए ग्रेजुएट्स के कारण मजबूत टैलेंट पूल की वजह से शहर रेजिडेंशियल, रिटेल और वेयरहाउसिंग जैसे सेक्टर्स के विकास के लिए अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है।
दूसरी ओर, लखनऊ डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग सहित इंडस्ट्रियल इंवेस्टमेंट को आकर्षित करने के लिए अपने शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रगतिशीत लीडरशिप का लाभ उठाता है।
रिपोर्ट बताती है कि लखनऊ को लेकर अगले 3-4 वर्षों में मजबूत कमर्शियल इंवेट्री का अनुमान है। इसके अलावा, स्टेट कैपिटल रीजन के बनने से शहर मजबूत विकास की लहर को लाएगा।
रिपोर्ट के अनुसार, कोयंबटूर जीडीपी, मैन्युफैक्चरिंग और आईटी आउटपुट के मामले में चेन्नई के बाद राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यह तेजी से बढ़ता टियर-2 डेस्टिनेशन महिलाओं के रोजगार को लेकर एक सुरक्षित एनवायरमेंट पेश करता है। साथ ही, लगभग हर सेक्टर के लिए टैलेंट की पेशकश रखता है।
वहीं, सभी ट्रांसपोर्टेशन मोड के साथ कोच्चि में खास कनेक्टिविटी के फायदे मिलते हैं। भारत के मुख्य इंटरनेट गेटवे के तौर पर जो इंटरनेशनल अंडरसी केबल सिस्टम को होस्ट करता है, कोच्चि कम ऑपरेशनल लागत पर हाई-स्पीड कनेक्टिविटी देता है।
ठीक इसी तरह, भुवनेश्वर भारत के सबसे अधिक प्रगितशील स्मार्ट शहरों में से एक के रूप में अपनी पहचान बनाता है। यह शहर हाई लिवेबिलिटी, सुरक्षा और गवर्नेंस रैंकिंग के साथ निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनता है।
जेएलएल इंडिया के चीफ इकोनॉमिस्ट और रिसर्च एंड आरईआईएस हेड डॉ. सामंतक दास ने कहा, "यह भारत की इकोनॉमिक ज्योग्राफी का स्ट्रक्चरल रिबैलेंस है। ये नौ शहर न केवल भविष्य को लेकर वादा करते हैं बल्कि देश की स्थापित आर्थिक शक्तियां भी हैं।"
रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्वोत्तर भारत का मुख्य शहर गुवाहाटी आठ उत्तर-पूर्वी राज्यों और भारत-आसियान ट्रेड कॉरिडोर के लिए इकोनॉमिक गेटवे के रूप में काम करता है।
भारतमाला हाइवे प्रोजेक्ट, एयरपोर्ट का विस्तार और अमिंगांव और चांगसारी में लॉजिस्टिक्स पार्क वेयरहाउसिंग, एफएमसीजी और ई-कॉमर्स ऑपरेटर्स को आकर्षित कर रहे हैं। शहर का रीजनल लॉजिस्टिक्स हब स्टेटस ग्रेड ए वेयरहाउसिंग का चालक बनता है।