क्या भारत में 1760 से अधिक जीसीसी एंटरप्राइज ट्रांसफॉर्मेशन के फ्रंटलाइन बन रहे हैं?: नैसकॉम
सारांश
Key Takeaways
- भारत में 1760 से अधिक जीसीसी अब एंटरप्राइज ट्रांसफॉर्मेशन की अग्रिम पंक्ति में हैं।
- नैसकॉम की रिपोर्ट ने भारत के जीसीसी के महत्व को उजागर किया है।
- एशिया में 70% नए जीसीसी भारत का चयन कर रहे हैं।
- जीसीसी को अपनी इनोवेशन पाइपलाइन का मालिक बनाना चाहिए।
- सर्विस प्रोवाइडर्स को स्पेशलाइज्ड टैलेंट में निवेश करना चाहिए।
नई दिल्ली, 10 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। नैसकॉम द्वारा सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में 1760 से अधिक ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) अब केवल दुनिया भर के देशों के लिए बैक ऑफिस इंजन नहीं हैं, बल्कि तेजी से एंटरप्राइज ट्रांसफॉर्मेशन के अग्रिम मोर्चे पर आ चुके हैं।
इन जीसीसी ने भारत में 19 लाख प्रोफेशनल को रोजगार प्रदान करते हुए फॉर्च्यून 500 में से लगभग आधी कंपनियों को डिजिटल बैकबोन सपोर्ट दिया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया में स्थापित होने वाले 70 प्रतिशत नए जीसीसी भारत का चयन कर रहे हैं। इस देश के विकल्प बनने के पीछे न केवल इसका टैलेंट पूल है, बल्कि डीप-टेक क्षमताओं का बढ़ता इकोसिस्टम, सर्विस-प्रोवाइडर पार्टनरशिप और डिजाइन-लेड थिंकिंग भी है।
इस रिपोर्ट के अनुसार, जीसीसी मॉडल अब एक महत्वपूर्ण चरण में प्रवेश कर रहे हैं, जहां इन सेंटर्स की इनोवेशन और एंटरप्राइज वैल्यू के लिए प्राइमरी इंजन के रूप में बढ़ती भूमिका की आवश्यकता है।
रिपोर्ट में नेक्स्ट-जेन जीसीसी के लिए एक नए ऑपरेटिंग कंस्ट्रक्ट की पहचान की गई है, जो कि हेडक्वार्टर, जीसीसी और टेक सर्विस प्रोवाइडर्स के बीच स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप पर आधारित है।
यह सभी पार्टनर मिलकर क्षमताओं को क्रिएट, रन और स्केल करते हैं।
फ्लेक्सिबल मॉडल्स जैसे बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर/मैनेज (बी-ओ-एक्स), जॉइंट वेंचर्स, मॉडर्न टैलेंट ऑग्मेंटेशन और कोइनोवेशन पार्टनरशिप एंटरप्राइज के बदलाव को तेजी से लाने के नए तरीके प्रस्तुत कर रहे हैं।
यह विस्तार और बदलाव एंटरप्राइज की उम्मीदों को दर्शाते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जीसीसी को अब अपनी इनोवेशन पाइपलाइन का मालिक बनाना चाहिए और ऐसी ऑटोनॉमस वैल्यू उत्पन्न करनी चाहिए, जो एआई से जुड़ी बाधाओं के साथ भी काम कर सके।
सफलता के लिए शेयर एंटरप्राइज विजन, ऑपरेटिंग एक्सीलेंस, मजबूत गवर्नेंस, मैग्नेटिक टैलेंट और टेक्नोलॉजी लेड इनोवेशन की बात कही गई है।
सर्विस प्रोवाइडर्स को गहराई से काम करने और अधिक अडैप्टेबल बनने की आवश्यकता है, जिसके लिए उन्हें स्पेशलाइज्ड टैलेंट में निवेश करने की आवश्यकता है।