क्या भारत की एनर्जी ट्रांजीशन की यात्रा भावी पीढ़ी को सशक्त बना रही है?
सारांश
Key Takeaways
- एचपी एचटीएल प्लांट का उद्घाटन ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
- यह प्लांट बायोक्रूड और बायोफ्यूल के उत्पादन में मदद करेगा।
- 150 से अधिक वैज्ञानिक इस सेंटर में कार्यरत हैं।
- 37 प्रतिशत वैज्ञानिक महिलाएं हैं।
- यह रिसर्च भावी पीढ़ी के लिए सशक्त भारत की ओर ले जाएगी।
नई दिल्ली, 11 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को बताया कि एचपी एचटीएल प्लांट सीवीड से बायोक्रूड और बायोफ्यूल बनाने की तकनीक विकसित करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
उन्होंने बेंगलुरु के एचपीसीएल ग्रीन आरएंडडी सेंटर में एचपी एचटीएल के पायलट प्लांट का उद्घाटन करने की जानकारी साझा की।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने लिखा, "ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में मुझे बेंगलुरु के एचपीसीएल ग्रीन आरएंडडी सेंटर में एचपी एचटीएल के पायलट प्लांट का शुभारंभ करने का अवसर मिला।"
मंत्री पुरी ने नए प्लांट के बारे में कहा, "यह प्लांट सीवीड से बायोक्रूड और बायोफ्यूल्स बनाने की तकनीक में अहम भूमिका निभाएगा।"
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन में आत्मनिर्भरता भारत की अद्भुत शक्ति बन रही है, जो हमें विकसित भारत की ओर ले जा रही है।
केंद्रीय मंत्री ने सीवीड के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह समुद्री वातावरण में तेजी से बढ़ता है और इसे रिन्यूएबल लो कार्बन और सस्टेनेबल फ्यूल के उत्पादन के लिए बेहतरीन फीडस्टॉक माना जाता है।
उन्होंने इस कैंपस में विभिन्न लैब्स का दौरा किया और देश की स्वदेशी रिसर्च के बारे में जानकारी ली।
केंद्रीय मंत्री ने लिखा, "बैटरी लैब में स्वदेशी तरीके से एक किलोवाट की लिथियम बैटरी पैक को सफलतापूर्वक विकसित किया गया है।"
उन्होंने इलेक्ट्रोलाइजर पायलट प्लांट के बारे में बताया कि यहाँ एईएम तकनीक के जरिए 1 मेगावाट का डेमोन्सट्रेशन प्लांट विकसित किया गया है, जो ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि उन्होंने इंजन लैब में फ्लेक्स फ्यूल किट के डेमोन्सट्रेशन की प्रक्रिया भी देखी। यह रिसर्च भविष्य के भारत के लिए हरित भारत की संकल्पना को साकार करने में योगदान देगी।
मंत्री पुरी ने पीएम मोदी के नेतृत्व में ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में उठाए गए कदमों को भारत की एनर्जी ट्रांजीशन की यात्रा बताया, जो भावी पीढ़ी को सशक्त बनाएगी।
इससे पहले, एक एक्स पोस्ट में उन्होंने बताया कि इस आधुनिक आरएंडडी सेंटर में 150 से अधिक समर्पित वैज्ञानिक हैं, जिनमें 37 प्रतिशत महिला लीडर्स हैं।