भारत में खुदरा महंगाई दर अक्टूबर में रिकॉर्ड निचले स्तर 0.25 प्रतिशत पर क्यों रही?
सारांश
Key Takeaways
- खुदरा महंगाई दर अक्टूबर में 0.25 प्रतिशत पर रही।
- खाद्य महंगाई दर -5.02 प्रतिशत रही।
- ग्रामीण क्षेत्रों में महंगाई दर -0.25 प्रतिशत रही।
- जीएसटी दरों में कमी का प्रभाव महंगाई पर पड़ा है।
- आरबीआई ने महंगाई के अनुमान में कटौती की है।
नई दिल्ली, 12 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत में खुदरा महंगाई दर अक्टूबर में रिकॉर्ड 0.25 प्रतिशत के निचले स्तर पर पहुँच गई है, जो कि सितंबर में 1.44 प्रतिशत थी। यह वर्तमान सीपीआई श्रृंखला में दर्ज की गई सबसे कम महंगाई दर है। यह जानकारी सरकार द्वारा बुधवार को साझा की गई।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में महंगाई दर अक्टूबर में -0.25 प्रतिशत रही है, जबकि सितंबर में यह 1.07 प्रतिशत थी। शहरी क्षेत्रों में महंगाई दर 0.88 प्रतिशत रही है, जो सितंबर में 1.83 प्रतिशत थी।
खाद्य महंगाई दर अक्टूबर में -5.02 प्रतिशत रही है, जो यह दर्शाता है कि खाद्य उत्पादों की कीमतें सालाना आधार पर घट गई हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य महंगाई दर -4.85 प्रतिशत रही है, वहीं शहरी क्षेत्रों में यह -5.18 प्रतिशत रही है।
मंत्रालय ने कहा कि हेडलाइन महंगाई दर और खाद्य महंगाई दर में गिरावट का कारण जीएसटी दरों में कमी, तेल, सब्जियों, फलों, अंडों, फुटवियर, अनाज और परिवहन की कीमतों में कमी है।
अक्टूबर में परिवहन और संचार में महंगाई दर 0.94 प्रतिशत रही, जो कि सितंबर में 1.82 प्रतिशत थी।
फ्यूल और लाइट में महंगाई दर अक्टूबर में 1.98 प्रतिशत रही, जो सितंबर में भी 1.98 प्रतिशत पर स्थिर रही।
केंद्रीय गवर्नर ने वित्त वर्ष 26 के लिए खुदरा महंगाई दर के अनुमान को घटाकर 2.6 प्रतिशत कर दिया है, जो कि अगस्त एमपीसी में 3.1 प्रतिशत था।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए महंगाई दर के अनुमान को 2.1 प्रतिशत से घटाकर 1.8 प्रतिशत, तीसरी तिमाही के लिए 3.1 प्रतिशत से घटाकर 1.8 प्रतिशत और चौथी तिमाही के लिए 4 प्रतिशत कर दिया गया है।
आरबीआई ने यह भी अनुमान लगाया है कि वित्त वर्ष 27 की पहली तिमाही में महंगाई 4.5 प्रतिशत रह सकती है।