क्या कर्मचारी एआई का इस्तेमाल करियर योजना और समस्याओं के समाधान के लिए कर रहे हैं?
सारांश
Key Takeaways
- 71 प्रतिशत कर्मचारी एआई का उपयोग करियर योजना के लिए कर रहे हैं।
- 75 प्रतिशत कर्मचारी नए कार्य व्यवहार अपनाने लगे हैं।
- कर्मचारी तेजी से भूमिका और कौशल में बदलाव कर रहे हैं।
- 43 प्रतिशत कर्मचारी लचीलापन को महत्वपूर्ण मानते हैं।
- कंपनियों को टैलेंट रणनीतियों को अपनाना चाहिए।
नई दिल्ली, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। एक नई रिपोर्ट में यह बताया गया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कर्मचारियों के वर्कप्लेस में उनके कार्य करने के तरीके को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
जॉब साइट इंडीड द्वारा हाल में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, 71 प्रतिशत कर्मचारी एआई का उपयोग अपने करियर को योजना बनाने और समस्याओं को हल करने के लिए कर रहे हैं। इससे एआई एक सहायता उपकरण से विश्वसनीय सहयोगी में परिवर्तित हो गया है।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि 75 प्रतिशत कर्मचारी जैसे माइक्रो-रिटायरमेंट, मूनलाइटिंग, लचीले कार्यक्रम और बेयर-मिनिमम मंडे जैसे नए वर्कप्लेस व्यवहार
इसके अतिरिक्त, 68 प्रतिशत एंट्री-टू-जूनियर लेवल कर्मचारी नई दृष्टिकोणों को सीखने और करियर की योजना बनाने में लगा हुआ है। लगभग 40 प्रतिशत कर्मचारी यह मानते हैं कि वे मूनलाइटिंग, लचीले कार्यक्रम और छोटे करियर ब्रेक के साथ वर्क-लाइफ बैलेंस बना रहे हैं।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 42 प्रतिशत कर्मचारियों का मानना है कि जॉब-होपिंग और थोड़े समय की ऑफिस उपस्थिति, एंगेजमेंट की कमी को दर्शाती है। वहीं, 62 प्रतिशत कर्मचारी इसे बदलाव के लिए आवश्यक रणनीति मानते हैं।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कर्मचारी तेजी से अपनी भूमिकाओं और कौशल में परिवर्तन कर रहे हैं, क्योंकि वे नौकरी में अधिक समय तक बने रहने के लिए नए कौशल और करियर से जुड़े रास्तों को खोज रहे हैं।
कर्मचारियों में इस प्रकार का व्यवहार उन्हें नौकरी से संबंधित आवश्यकताओं के परिवर्तन को तेजी से अपनाने और नई तकनीकों को सीखने में सहायता कर रहा है।
बदलाव के कारणों में 43 प्रतिशत कर्मचारियों ने लचीलापन और स्वायत्तता को महत्वपूर्ण बताया है, 37 प्रतिशत ने तनाव और बर्नआउट को कारण बताया है, जबकि 30 प्रतिशत का मानना है कि नौकरी की सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं हैं।
इंडीड के लिए सॉफ्टवेयर-एज-ए-सर्विस द्वारा किए गए इस सर्वेक्षण में 14 उद्योगों के 1,288 नियोक्ता और 2,584 कर्मचारी सहित कुल 3,872 प्रतिभागी शामिल हुए थे।
इंडीड का कहना है कि कंपनियों को ऐसी टैलेंट रणनीतियों को अपनाना चाहिए, जो प्रशिक्षण, करियर पथों और रिटेंशन की बदलती अपेक्षाओं के अनुसार ढलती हैं।