क्या एशिया में काम करने के लिए टॉप 100 बेहतरीन जगहों में से 48 भारत में मौजूद हैं?

सारांश
Key Takeaways
- भारत ने एशिया में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है।
- 48 कंपनियाँ 'ग्रेट प्लेस टू वर्क' सूची में शामिल हैं।
- 91 प्रतिशत कर्मचारी निर्णयों में शामिल महसूस करते हैं।
- 93 प्रतिशत कर्मचारी उचित व्यवहार की बात करते हैं।
- बड़ी और मिड-साइज कंपनियाँ इस सूची में शामिल हैं।
नई दिल्ली, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। एशिया में काम करने के लिए बेहतरीन स्थानों में भारत का शीर्ष स्थान है। हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, शोध में शामिल शीर्ष 100 कंपनियों में से 48 भारत में कार्यरत हैं।
ग्लोबल वर्कप्लेस कल्चर के सर्वेक्षक 'ग्रेट प्लेस टू वर्क' की रिपोर्ट के अनुसार, इन 48 कंपनियों में से अधिकांश बड़ी कंपनियों की श्रेणी में आती हैं, जबकि मिड-साइज श्रेणी में 12 कंपनियों का संचालन भारत में होता है।
रिपोर्ट ने बताया कि यह कार्यस्थल संस्कृति और कर्मचारियों के अनुभव में देश की बढ़ती स्थिति को प्रदर्शित करता है।
2025 में शामिल होने वाली कंपनियों में एशिया के सामान्य कार्यस्थल की तुलना में सकारात्मक अनुभव बता रहे कर्मचारियों की संख्या अधिक है।
जब कंपनियां अपने कर्मचारियों के साथ मजबूत विश्वास बनाती हैं, तो वे जनरेटिव एआई के विकास सहित व्यवधानों का सामना करने के लिए अधिक तैयार रहती हैं।
ग्रेट प्लेस टू वर्क के सीईओ माइकल सी. बुश ने कहा, "ये कंपनियां उदाहरण प्रस्तुत कर रही हैं, ऐसे कार्यस्थल बना रही हैं जो समुदायों को मजबूत, राष्ट्रों को समृद्ध और दुनिया को बेहतर बनाते हैं।"
बुश ने आगे कहा, "2025 में एशिया के सर्वश्रेष्ठ कार्यस्थलों के विजेताओं को जो विशेष बनाता है, वह है कर्मचारियों के सकारात्मक अनुभव जो एक बेहतरीन कार्यस्थल संस्कृति को परिभाषित करते हैं।"
इस वर्ष की सूची में भारत में कार्यरत कंपनियों में नोवार्टिस, श्नाइडर इलेक्ट्रिक, एरिक्सन, वीजा और एनवीडिया जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं।
32 लाख से अधिक व्यक्तिगत प्रतिक्रियाओं वाले गोपनीय सर्वेक्षण के आंकड़ों पर आधारित यह रिपोर्ट पूरे क्षेत्र के लगभग 75 लाख कर्मचारियों के अनुभव को दर्शाती है।
रिपोर्ट में कहा गया कि 91 प्रतिशत कर्मचारी अपने काम से जुड़े निर्णयों में शामिल महसूस करते हैं और 86 प्रतिशत अपने प्रबंधकों से निष्पक्ष व्यवहार की बात करते हैं।
इसके अलावा 93 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों को लगता है कि उनकी उम्र, लिंग, पद, नस्ल या यौन रुझान की परवाह किए बिना उनके साथ उचित व्यवहार किया जाता है।
ग्रेट प्लेस टू वर्क इंडिया के सीईओ बलबीर सिंह ने कहा, "इन विजेता संगठनों के कर्मचारी नेतृत्व टीम की दृष्टि और क्षमता पर गर्व महसूस करते हैं।"
उन्होंने कहा कि यह इन कार्यस्थलों द्वारा विकसित निष्पक्षता और उत्कृष्टता की संस्कृति का प्रमाण है। इस सूची में कई भारतीय संगठनों का प्रतिनिधित्व वास्तव में सराहनीय है।