क्या विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में दमदार वापसी की है?
सारांश
Key Takeaways
- विदेशी निवेशकों की वापसी भारतीय बाजार के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
- अक्टूबर में निवेश लगभग 14,610 करोड़ रुपए का रहा।
- महंगाई में कमी और ब्याज दरों में कटौती निवेशकों की भावना को मजबूत बना रही हैं।
- आईपीओ की बढ़ती संख्या विदेशी निवेशकों को आकर्षित कर रही है।
- यदि वैश्विक स्थितियों में सुधार होता है, तो निवेश बढ़ सकता है।
मुंबई, 2 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। तीन महीनों की निरंतर बिकवाली के बाद, विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर में भारतीय शेयर बाजार में शानदार वापसी की है और लगभग 14,610 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
विदेशी निवेशकों की इस वापसी के पीछे कॉरपोरेट आय में वृद्धि, अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कमी और अमेरिका-भारत के बीच संभावित व्यापार समझौते का होना है।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन महीनों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) शुद्ध विक्रेता के रूप में कार्य कर रहे थे। उन्होंने सितंबर में 23,885 करोड़ रुपए, अगस्त में 34,990 करोड़ रुपए और जुलाई में 17,000 करोड़ रुपए की बिक्री की थी।
अक्टूबर में विदेशी निवेशकों द्वारा की गई खरीदारी यह दर्शाती है कि भारतीय बाजार के प्रति वैश्विक निवेशकों का दृष्टिकोण बदल रहा है।
विश्लेषकों का मानना है कि एफपीआई की अक्टूबर में खरीदारी का कारण जोखिम स्तर में सुधार और हाल की गिरावट के बाद बाजार में वैल्यूएशन का आकर्षक रहना है।
महंगाई में कमी, ब्याज दरों में कटौती और जीएसटी सुधारों के साथ सभी क्षेत्रों में कॉरपोरेट आय के मजबूत होने से निवेशकों के मनोबल में सुधार हुआ है।
डेट सेगमेंट में, विदेशी निवेशकों ने जनरल लिमिट के तहत 3,507 करोड़ रुपए का निवेश किया है, जबकि वॉलंटरी रिटेंशन रूट के तहत 427 करोड़ रुपए की निकासी की है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वैश्विक परिस्थितियों में सुधार होता है और घरेलू आय में वृद्धि होती है, तो विदेशी निवेशकों का इनफ्लो और बढ़ सकता है, जिससे भारतीय इक्विटी बाजारों को मजबूत समर्थन मिलेगा।
बड़ी संख्या में आईपीओ आ रहे हैं और घरेलू निवेशकों की उनमें भागीदारी भी बढ़ रही है, जो विदेशी निवेशकों को भारतीय बाजार में निवेश करने के लिए प्रेरित कर रहा है।