क्या भारत अब 64,000 से अधिक पेटेंट के साथ दुनिया का छठा सबसे बड़ा पेटेंट फाइलर बन गया है?
सारांश
Key Takeaways
- भारत ने 64,000 से अधिक पेटेंट दायर किए हैं।
- 55 प्रतिशत पेटेंट भारतीय आविष्कारकों द्वारा दायर हुए हैं।
- भारत की रैंकिंग ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 38 है।
- इनोटेक 25 जैसे कार्यक्रम निजी साझेदारी को बढ़ावा देते हैं।
- चंद्रयान-3 और डीएनए वैक्सीन जैसी उपलब्धियाँ भारत की वैज्ञानिक क्षमता को दर्शाती हैं।
नई दिल्ली, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को घोषणा की कि भारत अब 64,000 से अधिक पेटेंट के साथ दुनिया का छठा सबसे बड़ा पेटेंट फाइलर बन गया है। इनमें से 55 प्रतिशत से अधिक पेटेंट भारतीय आविष्कारकों द्वारा दायर किए गए हैं।
केआईईटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में वार्षिक टेक फेस्ट इनोटेक 25 में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में आविष्कारकों द्वारा दर्ज किए गए पेटेंटों में यह महत्वपूर्ण वृद्धि देश के तेजी से विकसित हो रहे इनोवेशन इकोसिस्टम और इसकी बढ़ती वैश्विक प्रतिस्पर्धा क्षमता को दर्शाती है।
उन्होंने भारत के एक अग्रणी वैज्ञानिक राष्ट्र में बदलते स्वरूप पर चर्चा की।
डॉ. सिंह ने कहा, "देश ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 81वीं रैंक से 38वीं रैंक पर पहुँच गया है, जो निरंतरता, ऐतिहासिक उपलब्धियों और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर बढ़ते फोकस का प्रतिफल है।"
उन्होंने चंद्रयान-3, भारत में विकसित पहली डीएनए वैक्सीन, स्वदेशी एंटीबायोटिक्स और सफल जीन-थेरेपी ट्रायल जैसी उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि ये उपलब्धियां भारत की बढ़ती वैज्ञानिक क्षमता और वैश्विक नेतृत्व का प्रतीक हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इनोटेक 25 जैसे कार्यक्रम एक व्यापक राष्ट्रीय इकोसिस्टम को दर्शाते हैं, जो निजी साझेदारी, गहरे तकनीकी उद्यमिता और क्रॉस सेक्टर इनोवेशन को प्राथमिकता देते हैं। उन्होंने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा समर्थित एक्सपो और कॉन्क्लेव इंडस्ट्री लीडर्स, रिसर्चर्स, उद्यम पूंजीपतियों और युवा उद्यमियों को एक मंच पर लाने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि भारत अब आने वाले समय में मजबूत पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के साथ अपनी अगली तकनीकी छलांग लगाने की तैयारी कर रहा है।
सोशल मीडिया पर, उन्होंने लिखा, "पीएम मोदी के नेतृत्व में बने मजबूत इनोवेशन इकोसिस्टम ने भारत के युवाओं को लाभ पहुँचाया है। इसके अलावा, स्टार्टअप्स के माध्यम से उभरने वाले उद्यमिता पारंपरिक नौकरी की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकारी योजनाएं नए आविष्कारकों को सशक्त बना रही हैं।"