क्या पायलट और एटीसी को जीपीएस स्पूफिंग की गड़बड़ी की रिपोर्ट 10 मिनट में करनी चाहिए?
सारांश
Key Takeaways
- डीजीसीए का नया निर्देश पायलटों और एटीसी के लिए आवश्यक है।
- गड़बड़ी की रिपोर्टिंग 10 मिनट के भीतर करनी चाहिए।
- जीपीएस स्पूफिंग सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।
- गड़बड़ी के प्रकारों की पहचान करना महत्वपूर्ण है।
- वैश्विक स्तर पर आईसीएओ और आईएटीए ने चिंता व्यक्त की है।
मुंबई, 12 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने पायलटों, एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स (एटीसी) और एयरलाइनों को जीपीएस स्पूफिंग तथा अन्य ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस) में गड़बड़ी की सूचना 10 मिनट के भीतर देने का निर्देश दिया है।
डीजीसीए द्वारा जारी किए गए सर्कुलर में यह बताया गया है कि इस निर्देश का उद्देश्य फ्लाइट सेफ्टी और ऑपरेशनल इंटीग्रिटी को बनाए रखना है।
रेगुलेटर ने कहा, "अगर किसी भी पायलट, एटीसी कंट्रोलर या तकनीकी यूनिट को जीपीएस का व्यवहार असामान्य जैसे नेविगेशन एरर, जीएनएसएस सिग्नल इंटीग्रिटी का नुकसान या स्पूफ्ड लोकेशन डेटा का अनुभव होता है, तो उसे रियल-टाइम में 10 मिनट के अंदर रिपोर्ट करना चाहिए।"
हाल ही में, दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर जीपीएस में गड़बड़ी की घटना देखी गई थी, जहां 1,500 से अधिक उड़ान मूवमेंट्स प्रतिदिन होते हैं।
नियामक ने सभी संबंधित पक्षों को प्रभावित क्षेत्र की तारीख, समय, विमान का प्रकार, पंजीकरण, मार्ग और निर्देशांक जैसे विवरण तुरंत रिकॉर्ड करने और साझा करने का निर्देश दिया है।
सर्कुलर में गड़बड़ी के प्रकार, जैसे जैमिंग, स्पूफिंग, सिग्नल लॉस या इंटीग्रिटी एरर के साथ प्रभावित विमान उपकरण का विवरण देने का भी आग्रह किया गया है। साथ ही, यदि संभव हो तो सिस्टम लॉग, स्क्रीनशॉट या फ्लाइट मैनेजमेंट सिस्टम डेटा जैसी चीजों से इसकी पुष्टि करने की सलाह दी गई है।
नवंबर 2023 से लेकर फरवरी 2025 के बीच लगभग 465 जीपीएस गड़बड़ी और स्पूफिंग की घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें से अधिकांश अमृतसर और जम्मू जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में हुईं।
कई एयरलाइनों ने पहले भी वैश्विक स्तर पर संघर्ष क्षेत्रों के ऊपर या उनके निकट उड़ान भरते समय जीपीएस सिग्नल से संबंधित समस्याओं की सूचना दी है। डीजीसीए वर्तमान में दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पर स्पूफिंग की घटनाओं की जांच कर रहा है और गड़बड़ी के पैमाने एवं पैटर्न का आकलन करने के लिए डेटा विश्लेषण कर रहा है।
वैश्विक स्तर पर, आईसीएओ (अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन) और आईएटीए (अंतर्राष्ट्रीय वायु परिवहन संघ) दोनों ने जीएनएसएस स्पूफिंग और जैमिंग की बढ़ती समस्याओं पर चिंता व्यक्त की है।