क्या केंद्र ने 'जीएसटी पखवाड़ा' शुरू किया है, जो गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स के 8 साल पूरे होने का जश्न मनाता है?

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी पखवाड़ा 30 जून तक चलेगा।
- जीएसटी के नए नियम जुलाई 2025 से लागू होंगे।
- जीएसटीआर-3बी फॉर्म को संपादित नहीं किया जा सकेगा।
- व्यवसायियों को रिटर्न दाखिल करने में सावधानी बरतनी होगी।
- सीबीआईसी द्वारा हेल्पडेस्क की स्थापना की गई है।
नई दिल्ली, 16 जून (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने सोमवार को पूरे देश में 'जीएसटी पखवाड़ा' का आगाज़ किया, जो 1 जुलाई को मनाए जाने वाले जीएसटी दिवस के अवसर पर 30 जून तक चलेगा।
यह दो सप्ताह का अभियान गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के बारे में जागरूकता फैलाने और करदाताओं की समस्याओं के समाधान में सहायता करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है।
देशभर में सभी केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) आयुक्तालयों में मार्गदर्शन और सहायता के लिए हेल्पडेस्क स्थापित किए गए हैं।
यह पहल भारत में जीएसटी लागू होने के आठ वर्ष पूरे होने के अवसर पर शुरू की गई है। 1 जुलाई 2017 को देश में जीएसटी को लागू किया गया था।
यह अभियान उस समय की पृष्ठभूमि में शुरू हुआ है जब गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क (जीएसटीएन) ने रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है, जो जुलाई 2025 की कर अवधि से प्रभावी होंगे।
नए बदलावों के लागू होने के बाद मासिक जीएसटी भुगतान फॉर्म जीएसटीआर-3बी को संपादित नहीं किया जा सकेगा।
सीबीआईसी के अनुसार, इसका मतलब है कि व्यवसाय अब फाइलिंग के बाद किसी भी विवरण को मैन्युअल रूप से नहीं बदल पाएंगे। इसके बजाय, इस फॉर्म को जीएसटीआर-1 जैसे अन्य फॉर्म से बिक्री डेटा के आधार पर स्वतः भरा जाएगा और जीएसटीआर-1ए के जरिए पहले से सुधार करना होगा।
जीएसटीएन ने कहा कि जीएसटी रिटर्न के बीच सटीकता में सुधार और राजस्व लीकेज को रोकने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, रिटर्न दाखिल करने के लिए एक सख्त समय सीमा लागू की जा रही है। जुलाई 2025 से, करदाताओं को नियत तिथि के तीन साल से अधिक समय बाद कोई भी जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की अनुमति नहीं होगी।
यह नियम जीएसटीआर-1, जीएसटीआर-3बी, जीएसटीआर-9, जीएसटीआर-4 और अन्य सभी प्रकार के रिटर्न पर लागू होगा।
यह बदलाव वित्त अधिनियम, 2023 का हिस्सा था और अब इसे जीएसटी पोर्टल पर लागू किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, सीबीआईसी ने करदाताओं को सलाह दी है कि वे अपने रिकॉर्ड की समीक्षा करें और नए नियमों के लागू होने से पहले किसी भी लंबित रिटर्न को जमा करें ताकि स्थायी रूप से लॉक आउट होने से बचा जा सके।