क्या जन धन खातों में जमा राशि 2.74 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गई है और लाभार्थियों की संख्या 57 करोड़ के पार पहुंच गई है?

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क्या जन धन खातों में जमा राशि 2.74 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गई है और लाभार्थियों की संख्या 57 करोड़ के पार पहुंच गई है?

सारांश

प्रधानमंत्री जन धन योजना ने 57.11 करोड़ लाभार्थियों के साथ एक नई ऊंचाई हासिल की है। इन खातों में 2.74 लाख करोड़ रुपए जमा हैं। जानें इस योजना की महत्वता और इसके प्रभावों के बारे में।

Key Takeaways

  • जन धन योजना के तहत 57.11 करोड़ लाभार्थी हैं।
  • इन खातों में जमा राशि 2.74 लाख करोड़ रुपए है।
  • 78.2 प्रतिशत जन धन खाते ग्रामीण क्षेत्रों में हैं।
  • महिलाओं की भागीदारी 50 प्रतिशत है।
  • वित्तीय समावेशन सूचकांक 2025 में 67 तक पहुँचने की उम्मीद है।

नई दिल्ली, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री जन धन योजना के लाभार्थियों की संख्या अब 57.11 करोड़ तक पहुँच गई है और इन खातों में कुल 2,74,033.34 करोड़ रुपए जमा हैं। यह जानकारी इस योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध कराई गई है।

इसके साथ ही बताया गया कि देशभर में 13.55 लाख बैंक मित्र बगैर शाखा के बैंकिंग सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।

वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम नागाराजू ने एक कार्यक्रम में कहा कि जन धन खातों में औसत बैलेंस अब 4,815 रुपए हो गया है।

वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, सरकार चालू वित्त वर्ष में कुल 3.67 लाख करोड़ रुपए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से हस्तांतरित करने की योजना बना रही है।

उन्होंने आगे कहा कि भारत की वित्तीय समावेशन यात्रा किसी चमत्कार से कम नहीं है। 2014 में शुरू की गई प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई है और इससे 57 करोड़ से अधिक लोग बैंकिंग प्रणाली से जुड़े हैं।

नागाराजू के अनुसार, वर्तमान में जन धन खातों में लगभग 2.75 लाख करोड़ रुपए का बैलेंस है, जिससे औसत बैलेंस लगभग 4,815 रुपए निकलता है। इनमें से 78.2 प्रतिशत ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में हैं, जिनमें महिलाओं की भागीदारी 50 प्रतिशत है।

उन्होंने आगे कहा कि भारत का वित्तीय समावेशन सूचकांक मार्च 2025 में बढ़कर 67 हो जाएगा। यह दर्शाता है कि देश में वित्तीय सेवाओं की पहुंच में सुधार और गुणवत्ता में वृद्धि हो रही है।

2021 में शुरू किया गया वित्तीय समावेशन सूचकांक बैंकिंग, बीमा, पेंशन, निवेश और डाक सेवाओं सहित 97 संकेतकों पर आधारित है।

इसके तीन उप-सूचकांक - पहुंच, उपयोग और गुणवत्ता (एक्सेस, यूसेज और क्वालिटी) न केवल इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार को मापते हैं बल्कि यह भी मापते हैं कि लोग वास्तव में वित्तीय उत्पादों का उपयोग कर रहे हैं या नहीं और क्या वे उन्हें समझते हैं।

Point of View

बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी बैंकिंग सेवाओं की पहुंच को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
NationPress
07/12/2025

Frequently Asked Questions

प्रधानमंत्री जन धन योजना का उद्देश्य क्या है?
इस योजना का उद्देश्य गरीब और निम्न आय वर्ग के लोगों तक बैंकों की सेवाएं पहुँचाना है।
जन धन खातों में औसत बैलेंस कितना है?
जन धन खातों में औसत बैलेंस अब 4,815 रुपए है।
इस योजना के तहत लाभार्थियों की संख्या कितनी है?
इस योजना के तहत लाभार्थियों की संख्या 57.11 करोड़ है।
क्या जन धन योजना के तहत महिलाओं की भागीदारी है?
जी हां, जन धन खातों में महिलाओं की भागीदारी 50 प्रतिशत है।
वित्तीय समावेशन सूचकांक क्या है?
यह एक संकेतक है जो वित्तीय सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता को मापता है।
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