क्या साधारण संगीत ही गानों की सबसे बड़ी ताकत है? संगीतकार मिथुन का बयान

सारांश
Key Takeaways
- साधारण संगीत
- भावना
- मोहन सूरी का दृष्टिकोण गाने को सुधारने में सहायक है।
- गाने में खामोशी
- गानों का असली जादू संदेश में होता है।
मुंबई, 19 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। संगीतकार मिथुन इन दिनों हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'सैयारा' के गाने 'धुन' को लेकर चर्चा में हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने गानों में भारी म्यूजिक नहीं डालते। वह गानों को बहुत साधारण रखते हैं और यही गानों की असली ताकत होती है।
संगीतकार मिथुन ने हाल ही में राष्ट्र प्रेस से खास बातचीत की और कहा कि उनका मानना है कि जब वह गाना बनाते हैं, तो उसमें जरूरत से ज्यादा सुर या कंप्यूटर से बनाए गए साउंड नहीं जोड़ते। वह चाहते हैं कि गाने का असली भाव बना रहे इसलिए वह म्यूजिक को साधारण ही रखना पसंद करते हैं, ताकि श्रोता गाने की भावना को महसूस कर सकें।
मिथुन ने राष्ट्र प्रेस को बताया, "मेरे गानों में पहले से ही बहुत कम म्यूजिक होता है। इसलिए उन्हें अलग-अलग हिस्सों में बांटकर समझना मुश्किल होता है। मैं मानता हूं कि एक गाने की सबसे बड़ी ताकत यह नहीं होती कि उसमें कितने साज या कंप्यूटर साउंड डाले गए हैं, बल्कि उसकी धुन और भावना होती है।"
मिथुन ने आगे बताया कि कम संसाधनों में भी गाने को अच्छा बनाने की सोच उन्हें निर्देशक मोहित सूरी से मिली, जिनके साथ वह 20 साल से काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "कई बार ऐसा हुआ है कि मैंने मोहित सूरी को सिर्फ पियानो पर ही अपनी धुन सुनाई, और उन्होंने तुरंत हां कर दी। उन्हें गाने का असर सिर्फ पियानो से ही समझ में आ जाता है। मुझे लगता है कि यही मोहित सूरी की खासियत है। मैं एक कवि, संगीतकार और रचनात्मक हूं, मुझे संगीत के साथ तरह-तरह की रचना करना अच्छा लगता, जिसके चलते मेरे अंदर का जोश कई बार मुझे ज्यादा म्यूजिक डालने के लिए उकसाता, लेकिन मोहित मुझे ऐसा करने नहीं देते। वह संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "मैं मोहित से कहता हूं कि मैं इसमें वायलिन जोड़ना चाहता हूं, तो वो कहते हैं, 'नहीं, मत जोड़ो।' मैं कहता हूं कि मैं कोरस डालना चाहता हूं, तो वो फिर कहते हैं, 'नहीं, ऐसा मत करो'... लेकिन ये तो एक संगीतकार का जुनून होता है, इसलिए जब मैं कोई और फिल्म करता हूं, तो उसमें मैं सब कुछ डाल देता हूं।"
बता दें कि कोरस गीत के उस हिस्से को कहते हैं जो बार-बार दोहराया जाता है, खासतौर पर गीत के मुख्य संदेश और भावना को व्यक्त करने के लिए।
मिथुन ने बताया कि कैसे मोहित सूरी ने उनके गाने 'धुन' को अपनी सलाह से बेहतर बनाया।
उन्होंने कहा, "मैंने शूटिंग से पहले 'धुन' गाने को जब तैयार किया, तो इसमें काफी कुछ भर दिया था, जिसके सुनने के बाद मोहित ने मुझे फोन किया। उन्होंने कहा कि उन्हें पहले वर्जन में कुछ खामोशी चाहिए। ये खामोशी गाने की असली भावनाओं को दर्शाती हैं कि कब आवाज बढ़ानी है और कब कम करनी है। क्योंकि इस गाने के हीरो का किरदार आत्मविश्वासी नहीं है, वह अंदर से टूटा हुआ है, इसलिए इसमें खामोशी बहुत जरूरी है।"
मिथुन ने आगे कहा, ''कई लोग सोचते हैं कि गाना तभी अच्छा होता है जब उसमें बहुत सारे साज या आवाजें जुड़ी हों। कुछ निर्देशक उस तरह का म्यूजिक पसंद करते हैं, लेकिन मोहित सूरी ऐसा नहीं सोचते। उनको गाने की असली भावना और उससे जुड़ाव चाहिए होता है। मुझे लगता है कि इसी वजह से उनके गाने में असली जान आती है और उनका संगीत खास बनता है।''
'सैयारा' 18 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है।