क्या पुणे में 'संत तुकाराम' फिल्म के शो रद्द होने से निर्माताओं को नुकसान हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- संत तुकाराम फिल्म 18 जुलाई को रिलीज हुई है।
- पुणे में फिल्म के शो संत तुकाराम संस्थान की आपत्ति के कारण रद्द हुए।
- निर्देशक आदित्य ओम ने वित्तीय नुकसान की बात की है।
- फिल्म का उद्देश्य संत की शिक्षाओं का प्रसार करना है।
- फिल्म में प्रमुख कलाकारों की एक बड़ी कास्ट है।
मुंबई, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। आदित्य ओम की फिल्म ‘संत तुकाराम’ 18 जुलाई को सिनेमाघरों में प्रदर्शित हो चुकी है। जबकि, पुणे में इस फिल्म का विरोध देखने को मिला है। संत तुकाराम संस्थान द्वारा उठाई गई आपत्ति के चलते, पुणे में फिल्म के शो रद्द कर दिए गए हैं। इस संबंध में फिल्म के निर्देशक का बयान भी आया है।
निर्देशक आदित्य ओम ने कहा, "पुणे शहर में 'संत तुकाराम' के शो रद्द करने का निर्णय लिया गया है। संत तुकाराम संस्थान की आपत्तियों के कारण पुणे पुलिस ने एक एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी में सिनेमाघरों को किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सावधानी बरतने को कहा गया है। इसी कारण से, कई सिनेमाघरों ने फिल्म के शो को रद्द करने का निर्णय लिया है।"
आदित्य ने आगे बताया, "फिल्म को सेंसर बोर्ड ने बिना किसी कट के 'यू' सर्टिफिकेट प्रदान किया था। इसके बावजूद, शो रद्द होने से निर्माताओं को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा है।"
उन्होंने कहा कि फिल्म को पूर्ण भक्ति और संत तुकाराम के मूल्यों और शिक्षाओं को फैलाने के उद्देश्य से बनाया गया है।
'संत तुकाराम' 17वीं सदी के संत-कवि तुकाराम के जीवन और उनकी भक्ति से भरी 'अभंग' रचनाओं पर आधारित है। यह फिल्म उनके आध्यात्मिक और सामाजिक योगदान को दर्शाती है।
फिल्म में आदित्य ओम के साथ सुबोध भावे, अरुण गोविल, शिशिर शर्मा, संजय मिश्रा, शिवा सूर्यवंशी, शीना चौहान, हेमंत पांडे, गणेश यादव, ललित तिवारी, मुकेश भट्ट, गौरी शंकर, ट्विंकल कपूर, रूपाली जाधव और डीजे अकबर सामी जैसे कलाकार महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं।
कर्जन फिल्म्स और पुरुषोत्तम स्टूडियोज के सहयोग से निर्मित इस फिल्म को बी. गौतम ने प्रस्तुत किया है। दर्शकों से इस फिल्म को अच्छा समर्थन मिल रहा है, लेकिन पुणे में हुए इस विवाद ने इसके प्रदर्शन पर असर डाला है। फिलहाल, फिल्म देशभर के अन्य सिनेमाघरों में जारी है।