क्या एक्टर बनना हर समय परीक्षा देने जैसा है? : जैन दुर्रानी

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क्या एक्टर बनना हर समय परीक्षा देने जैसा है? : जैन दुर्रानी

सारांश

जैन दुर्रानी ने अपनी नई फिल्म 'आंखों की गुस्ताखियां' के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि एक्टर बनने का सफर कितना कठिन होता है। उन्होंने बताया कि यह हमेशा एक परीक्षा देने के समान है, जिसमें आपको खुद को बार-बार साबित करना होता है।

Key Takeaways

  • बॉलीवुड में काम पाने के लिए लगातार मेहनत आवश्यक है।
  • रिजेक्शन से सीखना और आगे बढ़ना महत्वपूर्ण है।
  • एक एक्टर को अपनी भावनाओं को बनाए रखना चाहिए।
  • ओटीटी प्लेटफार्म के आने से इंडस्ट्री में बदलाव आ रहा है।
  • विभिन्न किरदारों में खुद को साबित करना चाहिए।

नई दिल्ली, 19 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अभिनेता जैन दुर्रानी इस समय अपनी हाल ही में आई फिल्म 'आंखों की गुस्ताखियां' की वजह से चर्चा में हैं। उन्होंने कहा कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में एक्टर होना ऐसा है, जैसे आप हर पल किसी प्रतियोगी परीक्षा में बैठे हों।

जैन दुर्रानी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि बॉलीवुड में अपनी जगह बनाना आसान नहीं था। उन्होंने बताया, "जब मैं इस इंडस्ट्री में आया, तो मुझे बार-बार नकारा किया गया। लेकिन, इन रिजेक्शन को सहते-सहते मैंने धीरे-धीरे बहुत कुछ सीखा। एक एक्टर की जिंदगी ऐसी होती है, जैसे आप हर समय किसी प्रतियोगी परीक्षा में बैठते हों। चाहे आपके पास काम हो या न हो, आपको हर बार खुद को साबित करना पड़ता है।"

उन्होंने आगे कहा, "एक्टर के जीवन में अक्सर ऐसा होता है कि कभी आपको किसी भूमिका के लिए बहुत अच्छा माना जाता है और कभी किसी भूमिका के लिए आपको पूरी तरह से नजरअंदाज किया जाता है। इन सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए आपको अंदर से मजबूत होना पड़ता है, लेकिन यह मजबूती इतनी भी नहीं आनी चाहिए कि आपकी भावनाएं और संवेदनशीलता ही खत्म हो जाए।"

जैन दुर्रानी ने कहा कि एक एक्टर में भावनाओं को समझने की क्षमता सबसे बड़ी खूबी मानी जाती है। अगर ये खत्म हो जाती हैं, तो अच्छा अभिनय करना मुश्किल हो जाता है।

जब जैन दुर्रानी से पूछा गया कि क्या उन्होंने अपने सफर के दौरान कभी हार मानने का सोचा, तो उन्होंने कहा, "कोविड के दौरान एक ऐसा समय आया, जब मुझे अपने पेशे को लेकर कई तरह की भावनाएं महसूस हुईं। मेरे दिमाग में बहुत कुछ चल रहा था। लेकिन, फिर मुझे 'बेल बॉटम' फिल्म मिली, और उसी ने मुझे आगे बढ़ने का हौसला दिया।"

बॉलीवुड अब बदल रहा है। ओटीटी प्लेटफार्म आ गए हैं, नए जमाने के डायरेक्टर्स अलग तरह की कहानियां बनाने लगे हैं। इस पर जैन दुर्रानी ने कहा, "बॉलीवुड अब पहले जैसा नहीं रहा, यहां नए-नए तरीके से फिल्में और वेब सीरीज बन रही हैं। मैं नए अवसरों और बदलती दुनिया में खुद को ढालना चाहता हूं। मैं विभिन्न किरदारों में काम करके खुद को साबित करना चाहता हूं।"

Point of View

जहां आपको हर बार खुद को साबित करना पड़ता है। यह दर्शाता है कि फिल्म इंडस्ट्री में सफलता के लिए कितनी मेहनत और धैर्य की आवश्यकता होती है।
NationPress
19/07/2025

Frequently Asked Questions

क्या एक्टर बनने के लिए विशेष प्रतिभा की आवश्यकता होती है?
हां, एक्टर बनने के लिए एक्टिंग की कला और भावनाओं को समझने की क्षमता होनी चाहिए।
जैन दुर्रानी ने अपने करियर में क्या कठिनाइयों का सामना किया?
उन्होंने कई बार रिजेक्ट होने का सामना किया, लेकिन इन चुनौतियों से उन्होंने सीख लिया।
क्या कोविड-19 ने जैन की प्रोफेशनल जिंदगी को प्रभावित किया?
हां, कोविड के दौरान उन्होंने कई भावनाओं का सामना किया, लेकिन 'बेल बॉटम' ने उन्हें हौसला दिया।