क्या सरोज खान: परछाई देखकर नाचने वाली बच्ची बनीं बॉलीवुड की 'मदर ऑफ कोरियोग्राफी'?

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क्या सरोज खान: परछाई देखकर नाचने वाली बच्ची बनीं बॉलीवुड की 'मदर ऑफ कोरियोग्राफी'?

सारांश

सरोज खान का जीवन एक प्रेरणा है, जिन्होंने अपने डांस से बॉलीवुड को नई पहचान दी। उनकी कहानी संघर्ष, समर्पण और सफलता की है, जो हमें सिखाती है कि सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत और धैर्य की जरूरत होती है। आइए जानते हैं उनके जीवन की अनकही कहानियाँ।

Key Takeaways

  • बच्ची की परछाई देखकर डांस करना
  • डांस मास्टर से सीखना और कोरियोग्राफी में नाम कमाना
  • कठिनाइयों का सामना करना और खुद को साबित करना
  • अपने डांस से बॉलीवुड को नई पहचान देना
  • सरोज खान का योगदान हमेशा याद रखा जाएगा

मुंबई, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जब भी बॉलीवुड में डांस का जिक्र होता है, तो सरोज खान का नाम सुनने को मिलता है। सरोज खान एक ऐसी प्रतिभा थीं, जिन्होंने हिंदी सिनेमा को डांस की वास्तविक पहचान दी। उनकी कोरियोग्राफी ने अनगिनत अभिनेत्रियों को पहचान दिलाई और कई गानों को आइकॉनिक बना दिया।

आपको जानकर अच्छा लगेगा कि सरोज खान का जन्म का नाम निर्मला नागपाल था। उनका जन्म 22 नवंबर 1948 को हुआ था। बाद में उन्होंने इस्लामबॉलीवुड में उन्हें सरोज खान के नाम से जाना जाने लगा।

उनके माता-पिता ने भारत-पाकिस्तान के विभाजन के बाद भारत में शरण ली। परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, जिससे निर्मला को बचपन से ही काम करना पड़ा। मात्र तीन साल की उम्र में उन्होंने फिल्म 'नजराना' में बेबी श्यामा के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। धीरे-धीरे उन्हें डांस का शौक लगने लगा, लेकिन यह शौक इतना अनोखा था कि परिवार को समझ नहीं आया।

जब निर्मला नागपाल छोटी थीं, तब वह अपनी परछाई देखकर घंटों नाचती थीं। उन्हें लगता था कि परछाई उनका साथ दे रही है। जब उनकी माँ ने यह देखा, तो उन्होंने चिंता जताई और डॉक्टर के पास ले गईं। डॉक्टर ने कहा कि बच्ची पूरी तरह से ठीक है और बस डांस करना चाहती है।

घर की आर्थिक स्थिति के चलते परिवार ने निर्मला को फिल्म इंडस्ट्री में काम करने की अनुमति दे दी। उन्होंने 1950 के दशक में बैकग्राउंड डांसर के तौर पर काम करना शुरू किया। इसी दौरान, उन्होंने मशहूर डांस मास्टर B. सोहनलाल से डांस सीखा। यह उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ।

जब सरोज की उम्र 13 वर्ष थी, तब उन्होंने सोहनलाल से शादी कर ली, जो उनसे 30 साल बड़े थे। शादी के बाद, उन्हें पता चला कि सोहनलाल पहले से शादीशुदा थे।

सरोज खान की जिंदगी आसान नहीं थी, लेकिन डांस हमेशा उनके लिए ताकत बना रहा। पति के अलग होने के बाद, उन्होंने कोरियोग्राफी पर ध्यान केंद्रित किया। 1970 के दशक में उन्होंने कोरियोग्राफर के रूप में काम करना शुरू किया, लेकिन असली पहचान 1980 के दशक में मिली।

उनके द्वारा कोरियोग्राफ किए गए गाने जैसे 'हवा हवाई', 'मैं तेरी दुश्मन', और 'मेरे हाथों में' ने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया। माधुरी दीक्षित के साथ उनका काम भी ऐतिहासिक बना।

अपने करियर में सरोज खान ने तीन नेशनल फिल्म अवॉर्ड और कई फिल्मफेयर अवॉर्डसरदार रोशन खान से दूसरी शादी की। उनकी बेटी सुकैना खान दुबई में डांस इंस्टीट्यूट चलाती हैं।

लंबे सफर के बाद, सरोज खान का 3 जुलाई 2020 को कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया। लेकिन उनके डांस स्टेप्स और मेहनत उन्हें हमेशा अमर बना देंगे।

Point of View

जो यह दर्शाता है कि कठिनाइयों के बावजूद, प्रतिभा और मेहनत से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उनकी कोरियोग्राफी ने न केवल बॉलीवुड को नया रूप दिया, बल्कि लाखों लोगों को डांस के प्रति प्रेरित किया।
NationPress
21/11/2025

Frequently Asked Questions

सरोज खान का असली नाम क्या था?
सरोज खान का असली नाम निर्मला नागपाल था।
सरोज खान ने किस उम्र में डांस करना शुरू किया?
सरोज खान ने मात्र तीन साल की उम्र में डांस करना शुरू किया।
सरोज खान ने कितने अवॉर्ड जीते?
सरोज खान ने तीन नेशनल फिल्म अवॉर्ड और कई फिल्मफेयर अवॉर्ड जीते।
सरोज खान का निधन कब हुआ?
सरोज खान का निधन 3 जुलाई 2020 को हुआ।
सरोज खान की बेटी का नाम क्या है?
सरोज खान की बेटी का नाम सुकैना खान है।
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