क्या सुभाष घई ने छात्रों से एआई के प्रभाव को लेकर कुछ महत्वपूर्ण बातें कहीं?

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क्या सुभाष घई ने छात्रों से एआई के प्रभाव को लेकर कुछ महत्वपूर्ण बातें कहीं?

सारांश

फिल्म निर्माता सुभाष घई ने हाल ही में छात्रों से एआई के प्रभाव और इंसानी कहानियों के महत्व पर विचार साझा किए। उन्होंने रचनात्मकता को बनाए रखने की अपील की है और टेक्नोलॉजी के बढ़ते प्रभाव के बीच मानव भावना की अहमियत को रेखांकित किया। जानें, उनकी इस अपील का क्या महत्व है।

Key Takeaways

  • रचनात्मकता को बनाए रखें।
  • एआई को अपनी भावनाओं पर हावी न होने दें।
  • इंसानी कहानियां सबसे महत्वपूर्ण हैं।
  • तकनीक के साथ समझदारी से आगे बढ़ें।
  • अपनी सोच को मजबूत बनाए रखें।

मुंबई, 15 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। फिल्म निर्देशक सुभाष घई ने वर्तमान में तकनीकी प्रगति के इस युग में इंसानी कहानियों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया है। उनका कहना है कि भले ही तकनीक कितनी भी उन्नत हो जाए, इंसानी भावनाएं, अनुभव और कहानियां सबसे महत्वपूर्ण होती हैं। तकनीक सहायक हो सकती है, लेकिन असली रचनात्मकता और जज्बा केवल इंसान के दिल से ही उत्पन्न होता है, इसलिए हमें एआई को अपने ऊपर हावी नहीं होने देना चाहिए।

सुभाष घई ने व्हिसलिंग वुड्स इंटरनेशनल के छात्रों से बातचीत करते हुए कहा कि आज के समय में एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) सहायता प्रदान कर सकता है, लेकिन यह इंसान की रचनात्मकता और भावनाओं की जगह नहीं ले सकता। इंसान के विचार और भावनाएं सबसे खास होती हैं।

फिल्म निर्माता ने कहा कि समय के साथ, नई पीढ़ी, नई तकनीक और नए दृष्टिकोण सामने आते रहते हैं। उन्होंने छात्रों से निवेदन किया कि वे अपनी रचनात्मकता को इस एआई के युग में दबने न दें। एआई मदद कर सकता है, लेकिन असली क्रिएटिव काम इंसान को ही करना चाहिए।

सुभाष ने व्हिसलिंग वुड्स के छात्रों के साथ एक कोलाज फोटो अपने इंस्टाग्राम पर साझा किया।

उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, "व्हिसलिंग वुड्स कैंपस 2025 में मेरा पहला दिन... पीढ़ियां बदलती हैं, तकनीक बदलती है, सोच बदलती है। एआई आपकी मदद कर सकता है, लेकिन आपका मालिक नहीं बन सकता। अंततः एआई भी इंसानों द्वारा ही बनाया गया है। इसलिए अपनी रचनात्मक सोच को बढ़ाओ और केवल इंसानी कहानियां बताओ, कोई तकनीकी शो नहीं। मैंने यह बात अपने नए छात्रों से कही, चाहे वह टेक्स्ट हो, ऑडियो-विजुअल हो या फैशन। सबसे पहले अपने आप को मजबूत करो, ताकि अपने काम में पूरी मेहनत कर सको।"

वर्कफ्रंट की बात करें, तो सुभाष घई ने हाल ही में अपने नए प्रोजेक्ट का सोशल मीडिया पर ऐलान किया था, जिसमें अभिनेता रितेश देशमुख एक अलग अवतार में नजर आएंगे।

दरअसल, पिछले महीने उन्होंने एक तस्वीर पोस्ट की थी, जिसमें अभिनेता रितेश देशमुख महिला के अवतार में नजर आए थे। इस पर उन्होंने मजाकिया अंदाज में अपने कैप्शन में लिखा, "मुक्ता आर्ट्स के तहत ये हमारी अगली हीरोइन हैं। एक क्लासिक खूबसूरती... क्या आप इस खूबसूरत लड़की का नाम बता सकते हैं? कृपया कमेंट में लिखें।"

Point of View

इंसान को अपनी रचनात्मकता को बनाए रखने की आवश्यकता है। एआई हमारी मदद कर सकता है, लेकिन इसे हमारी भावनाओं और कहानियों की जगह नहीं लेनी चाहिए। यह हम सभी के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

सुभाष घई ने छात्रों को क्या सलाह दी?
सुभाष घई ने छात्रों को सलाह दी कि वे एआई को अपनी रचनात्मकता पर हावी न होने दें और हमेशा इंसानी कहानियों को प्राथमिकता दें।
क्या एआई इंसानी भावनाओं की जगह ले सकता है?
नहीं, सुभाष घई के अनुसार, एआई इंसानी भावनाओं और रचनात्मकता की जगह नहीं ले सकता।