क्या गुस्से पर काबू पाने के लिए रोजाना करें ये पांच योगासन?
सारांश
Key Takeaways
- योग से मन को शांति मिलती है।
- गुस्से को नियंत्रित करने के लिए प्राणायाम आवश्यक है।
- शीतली प्राणायाम शारीरिक तापमान को नियंत्रित करता है।
- बालासन से शारीरिक जकड़न कम होती है।
- शवासन से मानसिक हल्कापन मिलता है।
मुंबई, 2 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। आज की व्यस्त जीवनशैली में गुस्से पर काबू पाना एक बड़ी चुनौती बन चुका है। कार्यालय की समस्याएँ और घर की ज़िम्मेदारियाँ हमें तनाव और चिड़चिड़ापन में डाल सकती हैं। योग केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए नहीं है, बल्कि यह मानसिक शांति और नकारात्मक भावनाओं से मुक्ति में भी सहायक है।
गुस्सा हमारे रिश्तों को प्रभावित करने के साथ-साथ हमारे शारीरिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डालता है। ऐसे में योग एक प्राकृतिक और प्रभावी उपाय है।
आयुष मंत्रालय के अनुसार, योग में प्राणायाम और आसनों का एक विशेष महत्व है। प्राणायाम अर्थात् सांसों का नियंत्रण, मानसिक शांति और भावनाओं को नियंत्रित करने का एक अद्भुत तरीका है।
भस्त्रिका प्राणायाम: गुस्से को कम करने में भस्त्रिका प्राणायाम बेहद मददगार है। तेजी से सांस लेना और छोड़ना फेफड़ों में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाता है, जिससे ऊर्जा का संतुलन सही होता है और मन में शांति मिलती है।
शीतली प्राणायाम: यह गुस्से को नियंत्रित करने में प्रभावी है। गहरी सांस लेने से शरीर का तापमान और मानसिक उत्तेजना नियंत्रित होती है। शीतली प्राणायाम से मन को ठंडक मिलती है और गुस्सा कम होता है।
अनुलोम-विलोम प्राणायाम: मानसिक संतुलन के लिए अनुलोम-विलोम प्राणायाम बेहद लाभकारी है। यह दिमाग के दोनों हिस्सों को संतुलित करने में मदद करता है और सोच को स्पष्ट बनाता है।
बालासन: बालासन भी गुस्से को कम करने में सहायक है। झुकने से मांसपेशियों में जकड़न कम होती है और दिमाग को आराम मिलता है।
शवासन: यह अत्यंत प्रभावशाली आसन है। शरीर को ढीला छोड़कर ध्यान से सांस लेने से नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकल जाती है और गुस्सा शांत होता है।