क्या 'स्टेम सेल थेरेपी' से काइली जेनर को मिली राहत?
सारांश
Key Takeaways
- स्टेम सेल थेरेपी आधुनिक चिकित्सा का एक प्रभावी तरीका है।
- काइली जेनर ने अनुभव किया कि यह थेरेपी उनकी पीठ दर्द में राहत देने में सहायक रही।
- यह थेरेपी सभी के लिए समान रूप से प्रभावी नहीं हो सकती।
- इसका उपयोग केवल प्रमाणित डॉक्टर के मार्गदर्शन में ही करना चाहिए।
- थेरैपी के संभावित जोखिमों की जानकारी होना जरूरी है।
नई दिल्ली, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। किम कार्दशियन को कौन नहीं जानता? वे एक प्रसिद्ध अमेरिकी सेलिब्रिटी हैं। उनके परिवार की हर बात पर फैन्स की नजर रहती है। उनकी छोटी बहन काइली जेनर ने हाल ही में एक कहानी साझा की जिसमें उस दर्द का जिक्र था जिससे उन्हें वर्षों बाद राहत मिली।
काइली जेनर, जो कि दुनिया की सबसे प्रसिद्ध रियलिटी टीवी स्टार, बिजनेसवुमन और सोशल मीडिया आइकॉन में से एक हैं, ने ‘कीपिंग अप विद द कार्दशियन्स’ टीवी शो के जरिए अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई। उन्होंने अपने ब्यूटी ब्रांड और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से करोड़ों लोगों तक पहुंच बनाई।
काइली ने 4 दिसंबर 2025 को खुलासा किया कि उन्हें पिछले कई वर्षों से पुरानी पीठ दर्द का सामना करना पड़ रहा था, जो पहले बेटे के जन्म के बाद बढ़ गया था। कई पारंपरिक इलाज आजमाने के बाद भी राहत नहीं मिली। अंततः, उन्होंने स्टेम सेल थेरेपी का विकल्प चुना और इसके लिए मेक्सिको की यात्रा की।
इस थेरेपी की प्रेरणा उनकी बहन किम कार्दशियन से मिली, जिन्होंने अगस्त 2023 में इसी थेरेपी की जानकारी साझा की थी। किम ने अपने इंस्टाग्राम पर बताया कि वेटलिफ्टिंग करते समय कंधे में चोट लगने के बाद वे “बहुत ज्यादा दर्द” में थीं। किम ने भी मेक्सिको जाकर स्टेम सेल थेरेपी कराई और दर्द से निजात पाई।
अब सवाल ये है कि स्टेम सेल थेरेपी है क्या? यह आधुनिक चिकित्सा का एक तरीका है जिसमें शरीर की क्षतिग्रस्त या कमजोर कोशिकाओं की मरम्मत के लिए खास प्रकार की कोशिकाओं का उपयोग किया जाता है। क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, ये कोशिकाएं शरीर के बिल्डिंग ब्लॉक्स हैं, जो विभिन्न टिशू में पाई जाती हैं।
स्टेम सेल कई स्रोतों से आते हैं, जिनमें भ्रूण और एडल्ट टिशू शामिल हैं। एडल्ट स्टेम सेल में एंब्रियो स्टेम सेल की तुलना में अलग होने की क्षमता कम होती है, लेकिन ये शरीर के प्राकृतिक टिशू रिपेयर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
ये स्टेम सेल उन भागों में डाले जाते हैं जहां ऊतकों या मांसपेशियों को पुनर्जीवित या मरम्मत की आवश्यकता होती है।
स्टेम सेल्स की खासियत यह है कि वे विभाजित होकर नई कोशिकाओं का निर्माण कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर किसी भी विशेष प्रकार की कोशिका में बदल सकते हैं, जैसे हड्डी, मांसपेशी या रक्त कोशिका। जब इन्हें पीठ या अन्य प्रभावित हिस्से में इंजेक्ट किया जाता है, तो यह क्षतिग्रस्त ऊतकों की मरम्मत, सूजन कम करने और दर्द में राहत में मदद करते हैं।
हालांकि, स्टेम सेल थेरेपी अभी पूरी तरह से सभी देशों में स्वीकृत नहीं है। अमेरिका और कई यूरोपीय देशों में इसके सुरक्षित और प्रमाणित उपयोग के लिए नियामक संस्थाओं की मंजूरी जरूरी है। कई बार लोग इसे “स्टेम सेल टूरिज्म” के लिए विदेशों में करवाते हैं, लेकिन इस तरह की थेरेपी में जोखिम भी होते हैं, जैसे संक्रमण, अपेक्षित लाभ न मिलना या कभी-कभी गंभीर जटिलताएं। इसलिए विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि इस तरह का इलाज केवल प्रमाणित और अनुभवी डॉक्टर के अंतर्गत ही करवाना चाहिए।
काइली जेनर ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्हें दर्द में जल्दी राहत मिली और अब वह सामान्य गतिविधियों में सक्षम हैं, लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हर किसी का शरीर अलग होता है और यह उपचार हर किसी के लिए समान रूप से प्रभावी नहीं हो सकता। स्टेम सेल थेरेपी का उद्देश्य केवल दर्द दबाना नहीं है, बल्कि शरीर को स्वयं ठीक होने का मौका देना है। यह तरीका पारंपरिक दवाओं या सर्जरी से भिन्न है क्योंकि यह शरीर की अपनी मरम्मत प्रक्रिया को सक्रिय करता है।