क्या पीठ की चिक की समस्या शरीर का संतुलन बिगाड़ सकती है? घरेलू उपायों से मिलेगी राहत
सारांश
Key Takeaways
- पीठ की चिक की समस्या आम है और इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
- सरसों के तेल से मालिश और गर्म पानी से सिकाई से राहत मिलती है।
- आहार में बदलाव से दर्द को कम किया जा सकता है।
- फिजियोथैरेपिस्ट से संपर्क करें यदि दर्द बढ़ रहा है।
- स्ट्रेचिंग और हल्की सैर में मददगार हो सकती है।
नई दिल्ली, 12 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सुबह उठते ही पीठ में जकड़न और करवट लेने पर चिक जैसी आवाज आना, ये सभी संकेत कमर की समस्या की ओर इशारा करते हैं।
अधिकतर यह समस्या निरंतर एक ही पोजीशन में बैठने या भारी सामान उठाने से उत्पन्न होती है, लेकिन आयुर्वेद में इस दर्द से राहत पाने के लिए कई घरेलू उपाय बताए गए हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, पीठ का चिक होना वात दोष से जुड़ा होता है। जब शरीर में वात दोष बढ़ता है, तो मांसपेशियों में अकड़न होने लगती है और पीठ दर्द, गठिया, स्लिप डिस्क जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। यह समस्या गलत आहार, गलत आसन और ठंड के कारण भी हो सकती है। पीठ की चिक के दौरान शरीर में कई लक्षण प्रकट होते हैं, जैसे झुकने में कठिनाई, चलते समय अकड़न, पीठ और कंधे में भारीपन, और गर्दन से कमर तक के दर्द।
आयुर्वेद के अनुसार, पीठ की चिक का इलाज आहार में बदलाव और घरेलू उपायों से किया जा सकता है। सुबह के समय सरसों के गुनगुने तेल से मालिश करने के बाद गर्म पानी से सिकाई करें। शाम और रात में भी गर्म पानी में नमक मिलाकर सिकाई करें और यदि संभव हो तो गर्म पानी से स्नान करें। इससे मांसपेशियों में बनी अकड़न से राहत मिलेगी। रात को भी तेल की मालिश करें, जिससे दर्द वाली जगह पर रक्त का संचार बढ़ेगा।
मुलायम गद्दे पर सोने और शरीर पर जोर न डालने की सलाह दी जाती है। दर्द के समय चलते या उठते समय किसी का सहारा लें। आहार में परिवर्तन करके भी दर्द से राहत पाई जा सकती है। इसके लिए अपने आहार में मूंग की दाल और दूध से जुड़े उत्पाद शामिल करें। दिन में एक बार मूंग की दाल या प्रोटीन युक्त आहार अवश्य लें। हरी सब्जियों का सेवन करें और रात में हल्दी वाला दूध पीएं, जो दर्द कम करने में मदद करेगा।
रात को मेथी दाना भिगोकर सुबह उसका पानी और कुछ दाने चबाएं। इस समय भारी सामान उठाने या अधिक झुकने से बचें। हल्की सैर और स्ट्रेचिंग करें, लेकिन स्ट्रेचिंग करते समय अधिक जोर न डालें। यदि दर्द बढ़ता है तो फिजियोथैरेपिस्ट से संपर्क करें।