क्या बांग्लादेश में सड़क यात्रा 'खतरनाक' हो गई है? सिर्फ अक्टूबर में दुर्घटनाओं में 500 से अधिक लोगों की मौत
सारांश
Key Takeaways
- अक्टूबर में सड़क दुर्घटनाओं में 528 लोगों की मौत हुई।
- मोटरसाइकिल दुर्घटनाएँ कुल मौतों का 37.5 प्रतिशत थीं।
- सरकार ने जांच समितियों का गठन किया है।
- सड़क पर सुरक्षा बुनियादी ढांचे की कमी एक बड़ा कारण है।
- लापरवाह ड्राइविंग और अवैध वाहनों का संचालन प्रमुख समस्याएँ हैं।
ढाका, १२ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। वर्तमान में बांग्लादेश की स्थिति बेहद चिंताजनक है। यूनुस सरकार के अधीन देश में अराजकता का माहौल बना हुआ है। इस बीच, बांग्लादेश में सड़क दुर्घटनाओं के बारे में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। अक्टूबर में ट्रैफिक दुर्घटनाओं में ५२८ लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
न्यूज एजेंसी सिन्हुआ ने बुधवार को एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि अक्टूबर में बांग्लादेश में सड़क, रेल और जलमार्ग पर ५३२ दुर्घटनाएँ हुईं, जिनमें से कुल ५२८ लोग मारे गए और १,३१० लोग घायल हुए।
यात्री कल्याण समिति, जो एक यात्री कल्याण संघ है, के अनुसार, पिछले महीने मोटरसाइकिल दुर्घटनाओं के कारण बड़ी संख्या में मौतें हुई हैं। इसके अलावा, कई लोगों को गंभीर चोटें भी आई हैं।
समिति के अनुसार, मोटरसाइकिल दुर्घटनाओं में होने वाली मौतें कुल मौतों का ३७.५ प्रतिशत थीं।
न्यूज एजेंसी सिन्हुआ ने बताया कि समिति ने अक्टूबर में हुई सड़क दुर्घटनाओं के लिए कई प्रमुख कारण जिम्मेदार ठहराए हैं। इनमें मानसून के कारण हुए गड्ढे, सड़क के बुनियादी ढांचे की कमी जैसे डिवाइडर और सिग्नल की अनुपस्थिति, अनुपयुक्त वाहनों का असुरक्षित संचालन, लापरवाह ड्राइविंग और राजमार्गों पर ई-रिक्शा जैसे अवैध वाहनों का उपयोग शामिल है।
बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार, २६ अक्टूबर को ढाका के फार्मगेट क्षेत्र में मेट्रो रेल लाइन से एक बेयरिंग पैड के गिरने से एक पैदल यात्री की मृत्यु हो गई थी। मामले की जांच के लिए एक समिति बनाई गई है। इस समिति को अपनी रिपोर्ट १० दिन में सौंपने का निर्देश दिया गया है।
ढाका मास ट्रांजिट कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक फारूक अहमद ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में यह जानकारी दी। पुल विभाग के सचिव मोहम्मद अब्दुर रौफ की अध्यक्षता में २६ अक्टूबर को एक पांच सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया था।
सड़क परिवहन एवं पुल मंत्रालय के सलाहकार मुहम्मद फौजुल कबीर खान ने कहा कि समिति अपनी रिपोर्ट दो हफ्तों के भीतर सौंप देगी। इसके बाद, २७ अक्टूबर को समिति के गठन को लेकर गंभीर आलोचना की गई। इस आलोचना के बाद अधिकारियों ने जांच समिति में संशोधन करते हुए इसे मुख्य सलाहकार के विशेष सहायक शेख मोइनुद्दीन की देखरेख में रख दिया। इसके साथ ही इस समिति में एक और सदस्य भी जोड़ा गया।
इस सिलसिले में फारूक अहमद ने बुधवार को कहा कि समिति को इसी हफ्ते अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन उन्होंने समय सीमा १० दिन बढ़ा दी है। समिति में तीन और विशेषज्ञों को शामिल किया गया है।