क्या बांग्लादेशी नेता ने भारत के खिलाफ उगला जहर?

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क्या बांग्लादेशी नेता ने भारत के खिलाफ उगला जहर?

सारांश

बांग्लादेश की नेशनल सिटिजन पार्टी के नेता सरजिस आलम ने भारत समर्थक ताकतों के खिलाफ आवाज उठाई है। उनका कहना है कि विदेशी विचारधाराओं के लिए बांग्लादेश में कोई स्थान नहीं है। क्या यह स्थिति बांग्लादेश में राजनीतिक तनाव को और बढ़ाएगी?

Key Takeaways

  • भारत समर्थक विचारधाराओं के खिलाफ बांग्लादेश में आवाज उठाई जा रही है।
  • सरजिस आलम ने राजनीतिक एकता की अपील की है।
  • गोपालगंज में हिंसा के बाद कर्फ्यू लागू किया गया है।
  • आलम का कहना है कि कानून व्यवस्था सत्ता की सेवा नहीं करनी चाहिए।
  • बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिति में तनाव बढ़ रहा है।

ढाका, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश की नवगठित नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) के युवा नेता सरजिस आलम ने ढाका के सुहरावर्दी उद्यान में बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी द्वारा आयोजित एक रैली में भाग लिया। उन्होंने कहा कि भारत समर्थक मुजीबपंथी ताकतें फिर से बांग्लादेश में सक्रिय हो रही हैं।

बांग्लादेश के प्रमुख दैनिक ढाका ट्रिब्यून के अनुसार, पार्टी के उत्तरी क्षेत्र के प्रमुख आयोजक सरजिस ने कहा, "इस देश में किसी भी विदेशी समर्थक विचारधारा के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। भारतीय आधिपत्य का विरोध आवश्यक है।"

सरजिस ने आगे कहा कि जुलाई की एक क्रांति भले ही समाप्त हो गई हो, लेकिन मुजीबपंथी ताकतों की साजिशें अभी भी जारी हैं। उन्होंने कहा, "गोपालगंज में आज भी इनके ठिकाने मजबूत हैं। सिर्फ कानूनी तरीके से मुजीबपंथ को नहीं रोका जा सकता, इसे आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर भी खत्म करना होगा।"

आलम ने सभी जन आंदोलनों में शामिल लोगों से एकजुटता की अपील की और कहा, "हमारे बीच राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन इस मुद्दे पर क्रांति के सभी सिपाहियों को एक साथ खड़ा होना चाहिए।"

सरजिस ने यह भी कहा कि 5 अगस्त, 2024 को जिस सपने के लिए हजारों छात्रों और नागरिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी, वह सपना अब तक पूरा नहीं हुआ है। बोले, "हमें कोई नागरिक समाज की शैली वाली अंतरिम सरकार नहीं चाहिए, बल्कि ऐसी सरकार चाहिए जो लोगों के अधिकारों को सुनिश्चित कर सके।"

सरजिस ने शेख हसीना को 'हत्यारिन' कहकर उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की और एक स्वतंत्र न्यायपालिका की स्थापना पर बल दिया जो किसी विशेष राजनीतिक दल की कठपुतली न हो।

उन्होंने कहा, "हमें ऐसी कानून व्यवस्था नहीं चाहिए जो सिर्फ सत्ता की सेवा करे।" नेशनल सिटिजन पार्टी के इस युवा नेता ने कहा कि "राजनीति में प्रतिस्पर्धा हो सकती है, लेकिन वह राजनीति की गरिमा को नष्ट नहीं करे, यही बांग्लादेश को आगे ले जाएगा।"

यह बयान ऐसे समय में आया है जब बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के गृह नगर गोपालगंज में जबरदस्त हिंसा के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया। बुधवार को नेशनल सिटिजन पार्टी की रैली के दौरान ही झड़प हुई थी। जिसमें मरने वालों की संख्या चार हो गई है। रैली एक तरह से युद्धक्षेत्र में बदल गई, क्योंकि छात्रों के नेतृत्व वाली पार्टी के मार्च के पहले शेख मुजीबुर रहमान की बेटी और अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के सैकड़ों समर्थकों की पुलिस से झड़प हो गई।

Point of View

बल्कि यह देश में बढ़ते तनाव को भी दर्शाता है। समय के साथ यह देखना होगा कि बांग्लादेश की राजनीति किस दिशा में आगे बढ़ती है।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

सरजिस आलम ने क्या कहा?
उन्होंने कहा कि भारत समर्थक मुजीबपंथी ताकतें फिर से सक्रिय हो रही हैं और बांग्लादेश में विदेशी विचारधाराओं के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए।
कर्फ्यू क्यों लगाया गया?
गोपालगंज में हुई हिंसा के बाद कर्फ्यू लगाया गया है।
क्या आलम ने किसी विशेष सरकार की मांग की?
उन्होंने कहा कि उन्हें कोई नागरिक समाज की शैली वाली अंतरिम सरकार नहीं चाहिए, बल्कि ऐसी सरकार चाहिए जो लोगों के अधिकारों को सुनिश्चित कर सके।