क्या सीएमजी ने घाना के राष्ट्रपति के साथ इंटरव्यू किया?
सारांश
Key Takeaways
- घाना और चीन के बीच ६५वीं वर्षगांठ का महत्व
- चीन, घाना का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार
- जीरो-टैरिफ नीति का प्रभाव
- बेल्ट एंड रोड पहल के तहत बुनियादी ढांचा परियोजनाएं
- भविष्य में सहयोग की दिशा में आशाएं
बीजिंग, ६ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। इस वर्ष चीन और घाना के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की ६५वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। हाल ही में, घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा कई वर्षों के बाद फिर से चीन आए। इस दौरे के दौरान, उन्होंने चाइना मीडिया ग्रुप (सीएमजी) को एक इंटरव्यू दिया।
महामा ने कहा कि घाना और चीन के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की ६५वीं वर्षगांठ एक महत्वपूर्ण मोड़ है। हमें दोनों देशों के संबंधों को आगे बढ़ाने और नए वैश्विक शासन के अनुरूप ढलने की आवश्यकता है। इसलिए, वह चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के प्रस्तावित विभिन्न पहलों का पूरा समर्थन करते हैं।
महामा ने कहा कि चीन वास्तव में घाना का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और दोनों देशों के बीच व्यापार तेजी से बढ़ रहा है। जीरो-टैरिफ नीति जल्द ही शुरू होने वाली है। उनका मानना है कि इससे घाना के लिए अपने व्यापार को और बढ़ाने का एक अच्छा माहौल बनेगा। घाना के दृष्टिकोण से, उन्हें उम्मीद है कि चीनी कंपनियां घाना के स्थानीय उत्पादों की संवर्धित मूल्य बढ़ाने में मदद करेंगी, जिन्हें वे फिर चीनी बाजारों में निर्यात करेंगे।
उन्होंने कहा कि चीन हमेशा से अफ्रीका का सच्चा मित्र रहा है। उनका मानना है कि बेल्ट एंड रोड पहल और चीन-अफ्रीका सहयोग ढांचे पर फोरम के तहत, अफ्रीकी देशों में कई बड़े बदलाव लाने वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाएं लागू की गई हैं।
राष्ट्रपति महामा ने यह भी कहा कि घाना चीन के साथ अपनी गहरी ऐतिहासिक दोस्ती को महत्व देता है और भविष्य में विभिन्न क्षेत्रों में चीन के साथ सहयोग को और गहरा करने की आशा करता है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)