क्या बांग्लादेश में चुनावी सभा के दौरान बीएनपी-जमात कार्यकर्ताओं में झड़प हुई?

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क्या बांग्लादेश में चुनावी सभा के दौरान बीएनपी-जमात कार्यकर्ताओं में झड़प हुई?

सारांश

बांग्लादेश में चुनावी माहौल गरमाया हुआ है। एक धार्मिक सभा में बीएनपी और जमात कार्यकर्ताओं के बीच हिंसा भड़की, जिसमें 15 लोग घायल हुए। क्या ये झड़पें चुनावी माहौल को और बिगाड़ेंगी?

Key Takeaways

  • बांग्लादेश में चुनावी माहौल गरमाया है।
  • धार्मिक सभा में बीएनपी और जमात कार्यकर्ताओं के बीच हिंसा भड़की।
  • 15 लोग घायल हुए हैं।
  • स्थानीय पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की।
  • राजनीतिक दलों को संयम दिखाने की आवश्यकता है।

ढाका, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश में अगले वर्ष होने वाले चुनावों को लेकर राजनीतिक दलों के बीच प्रतिस्पर्धा तेज हो गई है। हालात यह हैं कि धार्मिक सभा में भी हिंसा का सहारा लिया जा रहा है। सिराजगंज के काजीपुर में भी ऐसा ही हुआ, जहाँ कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी जमात-ए-इस्लामी और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई, जिसमें जमात के करीब 15 कार्यकर्ता घायल हो गए।

स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना सोमवार रात को हुई। देर रात सोनामुखी यूनियन के स्थलबाड़ी गांव में एक इस्लामिक सभा का आयोजन किया गया। आरोप है कि जमात के समर्थक एमपी उम्मीदवार और सिराजगंज जिले के नेता मौलाना शाहीनुर आलम पर हमला हुआ।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, द डेली स्टार ने बताया कि आलम को 'वाज महफिल (धार्मिक सभा)' में बतौर अतिथि बुलाया गया था, जहाँ बीएनपी के उम्मीदवार सलीम रेजा भी उपस्थित थे। इसी दौरान, दोनों पक्षों के समर्थकों के बीच तनाव बढ़ गया।

रिपोर्ट के अनुसार, रेजा ने अपने समर्थकों को शांत करने का प्रयास किया और मंच से बाहर चले गए। इसके बाद, वहाँ से निकलते समय जमात के प्रत्याशी पर हमला किया गया।

द डेली स्टार से बात करते हुए, आलम ने दावा किया कि "बीएनपी कार्यकर्ताओं का यह पूर्व नियोजित हमला था।"

इन आरोपों का जवाब देते हुए, बीएनपी नेता रेजा ने कहा कि इस घटना में उनकी पार्टी की कोई भूमिका नहीं है और उन्होंने स्थानीय लोगों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। काजीपुर पुलिस स्टेशन के इंचार्ज शाह इनायतुर रहमान ने कहा, "अगर कोई शिकायत दर्ज होती है तो हम जांच के बाद कार्रवाई करेंगे।" उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं हुई है।

पिछले महीने, स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पबना जिले में चुनावी प्रचार के दौरान बीएनपी और जमात कार्यकर्ताओं के बीच हुई हिंसक झड़प में 25 लोग घायल हुए थे।

हिंसा पबना में सहापुर यूनियन के चार गरगरी गांवों में भड़की थी। यहाँ दोनों पक्षों ने हमले के लिए एक-दूसरे को दोषी ठहराया था।

बांग्लादेश में फरवरी 2026 में चुनाव होना है। इससे पहले मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के तहत राजनीतिक हिंसा बढ़ गई है।

जो पार्टियां पहले शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को गिराने के लिए यूनुस के साथ मिली थीं, वे अब आमने-सामने हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि बांग्लादेश में राजनीतिक तनाव बढ़ता जा रहा है। चुनावी प्रक्रिया में इस तरह की हिंसा न केवल लोकतंत्र के लिए हानिकारक है, बल्कि यह सामाजिक स्थिरता को भी खतरे में डालती है। सभी राजनीतिक दलों को संयम दिखाने की आवश्यकता है।
NationPress
09/12/2025

Frequently Asked Questions

हालिया हिंसक घटनाएं क्यों हो रही हैं?
राजनीतिक दलों के बीच चुनावी प्रतिस्पर्धा और तनाव के कारण ये घटनाएं हो रही हैं।
बीएनपी और जमात के बीच झड़प का कारण क्या था?
धार्मिक सभा में दोनों दलों के समर्थकों के बीच बढ़ते तनाव ने झड़प का कारण बना।
क्या पुलिस ने कोई कार्रवाई की है?
पुलिस ने कहा है कि अगर कोई लिखित शिकायत होती है, तो वे जांच करेंगे।
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