क्या भारत-चीन ने भविष्य की गतिविधियों और निर्यात नियंत्रण मुद्दों पर चर्चा की?

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क्या भारत-चीन ने भविष्य की गतिविधियों और निर्यात नियंत्रण मुद्दों पर चर्चा की?

सारांश

भारत और चीन के बीच बीजिंग में हाल ही में हुई वार्ता ने भविष्य की कूटनीतिक गतिविधियों को रेखांकित किया है। इस दौरान, भारत ने निर्यात नियंत्रण मुद्दों के शीघ्र समाधान पर जोर दिया, जो कि द्विपक्षीय संबंधों के लिए महत्वपूर्ण है। जानें इस वार्ता के मुख्य बिंदुओं के बारे में।

Key Takeaways

  • भारत और चीन की चर्चा में निर्यात नियंत्रण मुद्दों पर जोर दिया गया।
  • द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के लिए रचनात्मक वार्ता हुई।
  • भविष्य के आदान-प्रदान कार्यक्रमों की समीक्षा की गई।
  • भारतीय नागरिकों की सुरक्षा पर चिंता जताई गई।

नई दिल्ली, १२ दिसम्बर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और चीन ने बीजिंग में पिछले दो दिनों में भविष्य की कूटनीतिक गतिविधियों पर गहन चर्चा की। इस दौरान भारत ने निर्यात नियंत्रण से संबंधित लंबित मुद्दों के शीघ्र समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया। यह जानकारी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को साझा की।

संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) सुजीत घोष ने ११-१२ दिसम्बर को बीजिंग का दौरा किया, जहां उन्होंने चीन के उप विदेश मंत्री सुन वेइदोंग से भेंट की और चीनी विदेश मंत्रालय के एशियाई मामलों के महानिदेशक के साथ वार्ता की।

विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, वार्ता “रचनात्मक और भविष्य की संभावनाओं पर केंद्रित” रही। दोनों पक्षों ने दो देशों के नेताओं के रणनीतिक मार्गदर्शन के महत्व को रेखांकित किया और जन-केंद्रित पहलों को प्राथमिकता देते हुए द्विपक्षीय संबंधों में स्थिरता और सुधार को सकारात्मक कदम बताया।

भारत और चीन ने आने वाले वर्ष के लिए प्रस्तावित आदान-प्रदान कार्यक्रमों और गतिविधियों की समीक्षा की। भारतीय पक्ष ने निर्यात नियंत्रण से जुड़े लंबित मुद्दों के शीघ्र समाधान पर बल दिया। इसके साथ ही, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी संक्षिप्त चर्चा की गई।

दौरे के दौरान, संयुक्त सचिव ने चीनी वाणिज्य मंत्रालय के एशियाई मामलों के महानिदेशक से भी बातचीत की और द्विपक्षीय व्यापार एवं वाणिज्यिक विषयों पर चर्चा की।

इससे पूर्व, भारत ने चीन से यह सुनिश्चित करने की मांग की थी कि चीनी हवाईअड्डों से गुजरने वाले भारतीय नागरिकों को निशाना न बनाया जाए और उन्हें मनमाने ढंग से हिरासत में न लिया जाए। यह प्रतिक्रिया एक भारतीय नागरिक अरुणाचल प्रदेश की प्रेमा वांगजॉम थोंगडोक को पिछले महीने शंघाई अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर १८ घंटे तक रोके जाने की घटना के बाद आई थी।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा था कि भारत को उम्मीद है कि चीन अंतरराष्ट्रीय यात्रा से जुड़े नियमों का सम्मान करेगा और भारतीयों को किसी तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। साथ ही भारतीयों को चीन की यात्रा या ट्रांजिट के दौरान सतर्क रहने की सलाह भी दी गई है।

Point of View

क्योंकि यह न केवल द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने का प्रयास है, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भी आवश्यक है। निर्यात नियंत्रण जैसे मुद्दों का समाधान दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने में मदद करेगा।
NationPress
12/12/2025

Frequently Asked Questions

भारत और चीन के बीच चर्चा का मुख्य उद्देश्य क्या था?
भारत और चीन के बीच चर्चा का मुख्य उद्देश्य भविष्य की कूटनीतिक गतिविधियों और निर्यात नियंत्रण मुद्दों का समाधान करना था।
क्या भारत ने चीन से किसी विशेष मुद्दे पर ध्यान देने को कहा?
जी हाँ, भारत ने निर्यात नियंत्रण से जुड़े लंबित मुद्दों के शीघ्र समाधान पर जोर दिया।
क्या इस चर्चा में क्षेत्रीय मुद्दों पर भी बात हुई?
हाँ, चर्चा के दौरान क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी संक्षिप्त चर्चा की गई।
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