क्या थाईलैंड-कंबोडिया सीमा संघर्ष में प्रीह विहार मंदिर परिसर को नुकसान हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- भारत ने प्रीह विहार मंदिर परिसर के नुकसान पर चिंता जताई है।
- संघर्ष के दौरान कई नागरिकों की जान गई है।
- यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल की सुरक्षा आवश्यक है।
- संयम और शांति की अपील की गई है।
- कंबोडिया और थाईलैंड के बीच पुराना सीमा विवाद फिर भड़का है।
नई दिल्ली, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। थाईलैंड और कंबोडिया के बीच चल रहे सीमा संघर्ष के दौरान विश्व धरोहर स्थल प्रीह विहार के संरक्षण केंद्र को हुए नुकसान की रिपोर्ट पर भारत ने गहरी चिंता व्यक्त की है। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को होने वाली किसी भी प्रकार की क्षति “दुर्भाग्यपूर्ण” और “चिंता का विषय” है।
भारत ने दोनों देशों से संयम बरतने, संघर्ष विराम के लिए कदम उठाने और स्थल को सुरक्षित रखने की अपील की है। मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “प्रीह विहार में संरक्षण सुविधाओं को हुए नुकसान की रिपोर्ट प्राप्त हुई है। ऐसा कोई भी नुकसान दुखद और चिंता का विषय है। यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल मानवता की साझा सांस्कृतिक विरासत है और भारत इसके संरक्षण में निकटता से जुड़ा हुआ है।”
प्रवक्ता ने कहा, “हम आशा करते हैं कि मंदिर परिसर और संबंधित संरक्षण केंद्रों की पूरी सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। हम दोनों पक्षों से संयम बरतने, तनाव बढ़ने से रोकने और संवाद एवं शांति के मार्ग पर लौटने की अपील करते हैं।”
कंबोडिया के पठारी क्षेत्र के किनारे स्थित प्रीह विहार मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यूनेस्को के अनुसार, यह मंदिर 800 मीटर लंबे अक्ष पर एक दूसरे से जुड़े कई पवित्र स्थलों, मार्गों और सीढ़ियों से बना है, जिसकी स्थापना 11वीं सदी के पहले भाग में हुई थी।
गौरतलब है कि थाईलैंड और कंबोडिया के बीच पुराना सीमा विवाद रविवार को फिर भड़क उठा। दोनों देश एक-दूसरे पर हमले शुरू करने का आरोप लगा रहे हैं।
कंबोडियाई रक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल माली सोचेता के अनुसार, संघर्ष में अब तक 10 कंबोडियाई नागरिक, जिनमें एक शिशु भी शामिल है, मारे गए हैं, जबकि 60 नागरिक घायल हुए हैं। कंबोडिया के गृह मंत्रालय के अनुसार, अब तक 56,000 से अधिक परिवार (करीब 1.9 लाख लोग) सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए हैं।
वहीं, थाई रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सुरासंत कोंगसिरी ने बताया कि संघर्ष में 9 थाई सैनिकों की मौत हुई है और 120 से अधिक घायल हुए हैं। थाईलैंड में भी करीब 2 लाख नागरिक शरण शिविरों में रहने को मजबूर हैं।