क्या ईरान ने एससीओ के आतंकवाद विरोधी सहयोग का समर्थन किया?

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क्या ईरान ने एससीओ के आतंकवाद विरोधी सहयोग का समर्थन किया?

सारांश

ईरान ने शंघाई सहयोग संगठन की आतंकवाद विरोधी योजनाओं का समर्थन किया है। क्या यह कदम वैश्विक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है? जानिए विस्तार से।

Key Takeaways

  • ईरान का समर्थन: एससीओ की आतंकवाद विरोधी योजनाओं में ईरान का योगदान महत्वपूर्ण है।
  • सहंद-2025 अभ्यास: यह अभ्यास आतंकवाद के खिलाफ एक साझा रणनीति विकसित करने का अवसर है।
  • क्षेत्रीय सुरक्षा: एससीओ के माध्यम से क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देने का प्रयास।

तेहरान, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। ईरान ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की आतंकवाद विरोधी योजनाओं और सहयोगात्मक प्रयासों का समर्थन किया है। यह जानकारी ईरान के विदेश मंत्रालय ने साझा की।

शनिवार को जारी एक बयान में, ईरान के विदेश मंत्रालय में एससीओ और ब्रिक्स मामलों के निदेशक जनरल मेहरदाद कियाई ने एक संयुक्त आतंकवाद विरोधी अभ्यास के अवसर पर एससीओ के क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी ढांचे (रैट्स) के प्रमुख उलारबेक शारशीव के साथ एक बैठक के दौरान यह जानकारी दी।

इस दौरान, उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में ईरान का दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। कियाई ने ईरान की विदेश नीति में एससीओ और रैट्स की केंद्रीय भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने रैट्स को क्षेत्र की भविष्य की सुरक्षा संरचना में एक खिड़की के रूप में चित्रित किया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, उन्होंने कहा कि आतंकवाद से मुकाबले में ईरान का अनुभव उसके सुरक्षा और सैन्य संस्थानों को एससीओ के आतंकवाद विरोधी ढांचे के भीतर एक रचनात्मक और महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में सक्षम बनाता है।

शारशीव ने पूर्वी अजरबैजान प्रांत में आयोजित पांच दिवसीय अभ्यास ‘सहंद-2025’ की मेज़बानी के लिए ईरान की प्रशंसा की और रैट्स गतिविधियों में ईरान की सक्रिय और प्रभावशाली भागीदारी पर प्रकाश डाला।

‘सहंद-2025’ एससीओ सदस्य देशों द्वारा आयोजित दूसरे संयुक्त आतंकवाद विरोधी अभ्यास का हिस्सा था। पिछले साल जुलाई में उत्तर-पश्चिम चीन के शिनजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र में पहला अभ्यास आयोजित किया गया था, जिसका कोड “इंटरेक्शन-2024” था।

एससीओ एक यूरेशियाई राजनीतिक, आर्थिक और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा संगठन है, जिसमें चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत, पाकिस्तान, ईरान और बेलारूस शामिल हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि ईरान का यह कदम एससीओ के साथ सहयोग को मजबूत करने का एक प्रयास है। इससे न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा में सुधार हो सकता है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ एक साझा रणनीति विकसित करने में भी मदद मिलेगी।
NationPress
07/12/2025

Frequently Asked Questions

ईरान ने एससीओ के आतंकवाद विरोधी सहयोग का समर्थन क्यों किया?
ईरान ने क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए एससीओ के आतंकवाद विरोधी सहयोग का समर्थन किया है।
सहंद-2025 अभ्यास का उद्देश्य क्या है?
सहंद-2025 का उद्देश्य एससीओ सदस्य देशों के बीच आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को बढ़ाना और आपसी सुरक्षा तैयारियों को विकसित करना है।
एससीओ में कौन-कौन से देश शामिल हैं?
एससीओ में चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत, पाकिस्तान, ईरान और बेलारूस शामिल हैं।
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