क्या जी7 का परमाणु निरस्त्रीकरण बयान उत्तर कोरिया को भड़काएगा?

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क्या जी7 का परमाणु निरस्त्रीकरण बयान उत्तर कोरिया को भड़काएगा?

सारांश

उत्तर कोरिया ने जी7 विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान को अपने खिलाफ शत्रुतापूर्ण कृत्य माना है। विदेश मंत्री चो सोन हुई का कहना है कि बाहरी बयानों से उनकी स्थिति में कोई बदलाव नहीं आएगा। जानें इस मामले में उत्तर कोरिया की क्या प्रतिक्रिया है और इसकी वैश्विक सुरक्षा पर क्या असर पड़ सकता है।

Key Takeaways

  • उत्तर कोरिया ने जी7 के बयान को शत्रुतापूर्ण बताया।
  • विदेश मंत्री ने कहा कि बाहरी बयानों से बदलाव नहीं आएगा।
  • परमाणु हथियारों का विकल्प खतरनाक देशों से सुरक्षा के लिए उचित है।
  • अंतरराष्ट्रीय न्याय की बात करते हुए डीपीआरके अपनी संप्रभुता की रक्षा कर रहा है।
  • क्षेत्रीय तनाव में वृद्धि पर चिंता व्यक्त की गई है।

प्योंगयांग, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) ने कनाडा में हुई जी7 विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान को अपने खिलाफ “छिपा हुआ शत्रुतापूर्ण कृत्य” करार दिया है। जी7 ने डीपीआरके के हथियार कार्यक्रम की निंदा करते हुए “पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण” का समर्थन किया था। यह जानकारी शुक्रवार को आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने दी।

विदेश मंत्री चो सोन हुई ने कहा, “बाहरी लोगों के बयानों से डीपीआरके की वर्तमान स्थिति में कोई बदलाव नहीं आता।”

उन्होंने वर्तमान भू-राजनीतिक स्थिति को गंभीर बताते हुए कहा कि परमाणु हथियारों का विकल्प खतरनाक और शत्रुतापूर्ण देशों को रोकने के लिए उचित है।

हुई ने जी7 को वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए खतरा बताया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, विदेश मंत्री ने कहा, “इस समूह को स्वतंत्र संप्रभु राष्ट्रों को यह बताने का कोई हक नहीं है कि उन्हें अपनी सुरक्षा कैसे करनी है।”

उन्होंने ‘अंतरराष्ट्रीय न्याय’ का उल्लेख करते हुए कहा कि “डीपीआरके अपने देश और देशवासियों के भविष्य की सुरक्षा में दृढ़ है। हमारी सोच है कि संविधान के प्रति वफादार रहते हुए अंतरराष्ट्रीय न्याय को साकार किया जाए।” उन्होंने परमाणु हथियारों को “व्यक्तित्व के साधन” के रूप में इस्तेमाल करने वाले देशों के खिलाफ इसे आवश्यक बताया।

पिछले हफ्ते, उत्तर कोरिया के रक्षा प्रमुख ने कोरियाई प्रायद्वीप में हाल की सैन्य कार्रवाइयों के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की आलोचना की थी और कहा था कि ये देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं और जानबूझकर क्षेत्र में राजनीतिक और सैन्य तनाव बढ़ा रहे हैं।

केसीएनए द्वारा एक बयान में कहा गया कि डीपीआरके के रक्षा मंत्री नो क्वांग चोल ने कहा था कि “डीपीआरके जवाब में और अधिक आक्रामक कार्रवाई करेगा।”

इस बयान में, दक्षिण कोरिया और अमेरिकी सेना के संयुक्त अभ्यास का उल्लेख किया गया। संयुक्त फ्रीडम फ्लैग हवाई अभ्यास के बीच, परमाणु ऊर्जा से संचालित विमानवाहक पोत जॉर्ज वाशिंगटन के नेतृत्व में एक कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के प्रायद्वीप में भेजने की अमेरिका की आलोचना की गई।

बयान में आगे कहा गया कि अमेरिकी रक्षा सचिव और उनके दक्षिण कोरियाई समकक्ष ने डीपीआरके की दक्षिणी सीमा के पास के क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने इसे “डीपीआरके के खिलाफ साजिश” बताया।

Point of View

यह स्पष्ट है कि उत्तर कोरिया का यह बयान एक गंभीर भू-राजनीतिक स्थिति को दर्शाता है। हमें यह समझने की आवश्यकता है कि कैसे वैश्विक शक्तियों के बीच के तनाव से क्षेत्रीय सुरक्षा प्रभावित हो रही है।
NationPress
14/11/2025

Frequently Asked Questions

उत्तर कोरिया ने जी7 के बयान पर क्या प्रतिक्रिया दी?
उत्तर कोरिया ने जी7 के बयान को अपने खिलाफ शत्रुतापूर्ण कृत्य बताया है।
क्या जी7 का बयान उत्तर कोरिया की स्थिति को बदल सकता है?
विदेश मंत्री चो सोन हुई का कहना है कि बाहरी बयानों से उनकी स्थिति में कोई बदलाव नहीं आएगा।
उत्तर कोरिया के परमाणु हथियारों की नीति क्या है?
उत्तर कोरिया का मानना है कि परमाणु हथियार उनके देश की सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं।