क्या जापान में 6.7 तीव्रता के भूकंप के झटके के बाद प्रशांत तट के लिए सुनामी का अलर्ट जारी किया गया?
सारांश
Key Takeaways
- जापान में 6.7 तीव्रता का भूकंप आया।
- सुनामी का अलर्ट जारी किया गया है।
- जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने भूकंप की तीव्रता बढ़ाई।
- भूकंप का केंद्र 20 किलोमीटर की गहराई पर था।
- जापान में प्राकृतिक आपदाओं की संभावना हमेशा बनी रहती है।
टोक्यो, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। शुक्रवार को जापान में 6.7 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसके तुरंत बाद, जापान की मौसम एजेंसी ने आओमोरी प्रांत में आए भूकंप के बाद उत्तरी जापान के प्रशांत तट के लिए सुनामी का अलर्ट जारी किया।
जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (जेएमए) के अनुसार, भूकंप स्थानीय समयानुसार सुबह 11:44 बजे आओमोरी के पैसिफिक कोस्ट पर 20 किलोमीटर की गहराई में आया। इसकी तीव्रता जापान के 7 के सीस्मिक स्केल पर सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में 4 मापी गई।
जेएमए ने भूकंप की तीव्रता को 6.5 से बढ़ाकर 6.7 बताया। पैसिफिक कोस्ट के होक्काइडो, आओमोरी, इवाते और मियागी क्षेत्रों के लिए सुनामी की एडवाइजरी भी जारी की गई। एडवाइजरी के अनुसार, सुनामी की लहरें एक मीटर तक ऊँची उठने का अनुमान है। भूकंप का केंद्र 40.9 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 143.0 डिग्री पूर्वी देशांतर पर था।
सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार रात को इसी क्षेत्र में आओमोरी के कुछ हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसकी तीव्रता जापान के 7 सिस्मिक स्केल पर 6 से ऊपर थी। इसके बाद जेएमए ने इवाते प्रीफेक्चर, होक्काइडो और आओमोरी के कुछ क्षेत्रों के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की।
जापान की न्यूक्लियर रेगुलेशन अथॉरिटी ने शुक्रवार को कहा कि क्षेत्र की न्यूक्लियर सुविधाओं में किसी प्रकार की गड़बड़ी का कोई संकेत नहीं है। सोमवार को आए भूकंप के बाद, जेएमए ने एक विशेष एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें पहले से ही चेतावनी दी गई थी कि अगले हफ्ते भी ऐसा ही या उससे अधिक तीव्रता का भूकंप आ सकता है।
यह एडवाइजरी जापान के मुख्य द्वीप होंशू के उत्तर-पूर्वी सिरे पर स्थित सैनरिकु क्षेत्र और प्रशांत महासागर के सामने वाले उत्तरी द्वीप होक्काइडो के लिए जारी की गई थी। 2011 में इसी क्षेत्र में समुद्र के नीचे 9.0 तीव्रता का भयंकर भूकंप आया था, जिसके बाद सुनामी ने भयंकर तबाही मचाई थी। इस भूकंप ने ना केवल जापान के लोगों को दहशत में डाल दिया था, बल्कि पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था। भूकंप के बाद आई सुनामी में लगभग 18,500 लोग मारे या लापता हो गए थे।
जापान, पैसिफिक रिंग ऑफ फायर के पश्चिमी किनारे पर चार बड़ी टेक्टोनिक प्लेट्स के ऊपर स्थित है। यही कारण है कि जापान दुनिया के सबसे अधिक भूकंप प्रभावित देशों में से एक है। यह आइलैंड समूह, जहां लगभग 125 मिलियन लोग निवास करते हैं, हर साल लगभग 1,500 झटके महसूस करता है।