क्या मैरी मिलबेन भारत के लोगों और संस्कृति से प्यार करती हैं?
सारांश
Key Takeaways
- भारत की संस्कृति में गहराई से जुड़ाव का अनुभव
- मानवता के मूल्यों का सम्मान
- संगीत के प्रति बचपन से प्रेम
- भारतीय सिंगल मदर का योगदान
- राजनीतिक चर्चाओं में सक्रियता
नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका की प्रसिद्ध गायिका मैरी मिलबेन ने 'ओम जय जगदीश हरे' आरती गाकर भारत के लोगों के दिलों में अपनी विशेष जगह बना ली है। हाल के दिनों में वह भारतीय राजनीतिक क्षेत्र में काफी चर्चित रहीं, विशेषकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर किए गए उनके एक्स पोस्ट की वजह से। अमेरिकी गायिका ने राष्ट्र प्रेस के साथ एक विशेष बातचीत में अपने विचार साझा किए।
मैरी मिलबेन ने अपने संगीत करियर के बारे में कहा, "मैं भारतीय पत्रकारिता की एक बड़ी प्रशंसक हूं। यह विश्व के लिए बहुत महत्व रखती है। संगीत के प्रति मेरी रुचि मेरे जीवन के आरंभिक दिनों से ही थी। एक क्रिश्चियन महिला के रूप में मैं धार्मिक वातावरण में पली-बढ़ी। मेरी मां ने एकल माता के रूप में चार बच्चों की परवरिश की और 20-30 वर्षों तक मंत्रालय में कार्यरत रहीं। हम चर्च में गाना गाते हुए बड़े हुए। मेरा संगीत का सफर स्कूल से नहीं, बल्कि चर्च से शुरू हुआ। इस प्रेम के कारण मैंने कॉलेज में भी पढ़ाई की और फिर अपने संगीत करियर की ओर बढ़ी।"
उन्होंने आगे कहा कि यह उनकी पहली पसंद नहीं थी। उन्होंने व्हाइट हाउस में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के कार्यकाल में सबसे छोटे स्टाफ के रूप में कार्य किया और वहां उन्हें गाने का अवसर मिला, जो उनके संगीत करियर की शुरुआत थी।
मैरी ने बताया कि उन्हें भारत और यहां के लोग बहुत पसंद हैं। उन्होंने कहा, "इसमें कोई रहस्य नहीं है कि मैं भारत और वहां के लोगों से गहरा प्रेम करती हूं। मुझे भारतीय लोगों को अपना परिवार कहने में गर्व महसूस होता है। मुझे भारत के संगीत और संस्कृति से विशेष प्रेम है।"
भारत के प्रति अपने लगाव को व्यक्त करते हुए मैरी मिलबेन ने कहा, "आप किस संस्कृति, धर्म, भाषा और देश से हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। भारत में लोग एक-दूसरे से मानवता के आधार पर जुड़े हुए हैं। पड़ोसी की देखभाल करना, परिवार के सदस्यों से प्रेम करना, और दयालु होना ये सभी मूल्य हैं जो हमें जोड़ते हैं। इस कारण मुझे एक गहरा कनेक्शन महसूस होता है। मेरी मां बहुत व्यस्त रहती थीं, इसलिए हमारे घर पर एक महिला, जिनका नाम सुनीता पटेल है, उन्होंने हमारा ध्यान रखा। वह भारतीय मूल की थीं और बड़ी बहन की तरह हमारा ख्याल रखा। उन्होंने हमें भारतीय संस्कृति से परिचित कराया, जिससे मुझे वहां के खाने और संगीत की जानकारी मिली।"