क्या रंधावा के लीगल नोटिस पर नवजोत कौर सिद्धू का बयान कांग्रेस को नुकसान पहुंचा रहा है?
सारांश
Key Takeaways
- नवजोत कौर सिद्धू ने कांग्रेस में कुछ नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कानूनी नोटिस भेजकर जवाब दिया है।
- सिद्धू का कहना है कि उन्हें बिना कारण सस्पेंड किया गया।
- पार्टी में असंतोष की स्थिति उत्पन्न हो रही है।
- मीडिया में उनके बयानों को गलत तरीके से पेश किया गया।
पटियाला, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पूर्व विधायक डॉ. नवजोत कौर सिद्धू के बयानों ने पंजाब कांग्रेस की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है।
पटियाला में मीडिया से बातचीत करते हुए नवजोत कौर ने कहा कि पार्टी में कुछ लोग हैं, जो निरंतर कांग्रेस को कमजोर कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "अगर हमें सरकार बनानी है, तो इन 4-5 व्यक्तियों को किनारे करना होगा। ये लोग कांग्रेस को बर्बाद कर रहे हैं। मुझे बिना किसी कारण सस्पेंड किया गया, जबकि मैंने कभी किसी से पैसे नहीं मांगे।"
उन्होंने यह भी दावा किया कि उनसे पूछा गया कि जब पूरा पंजाब उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में चाहता है, तो वह क्यों नहीं आतीं। इसके जवाब में उन्होंने कहा, "क्योंकि मेरे पास 500 करोड़ रुपए नहीं हैं। मुख्यमंत्री बनने के लिए जितने पैसे इकट्ठा किए जाते हैं, हमारे पास वह 500 करोड़ नहीं होते। हम तो खुले हैं, सिद्धू जी की आय की जांच करा लो, सब साफ है।"
नवजोत कौर ने साथ ही यह आरोप लगाया कि मीडिया में उनके बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया और उनका असली संदर्भ बदल दिया गया।
जानकारी के अनुसार, गुरदासपुर से सांसद और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने नवजोत कौर सिद्धू को एक गंभीर कानूनी नोटिस भेजा है। यह नोटिस उनके द्वारा 7 और 8 दिसंबर को दिए गए उन बयानों के खिलाफ है, जिनमें रंधावा पर राजस्थान में कांग्रेस प्रभारी रहते हुए टिकट वितरण में पैसों के लेनदेन और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे।
नोटिस में कहा गया है कि सिद्धू के आरोप पूरी तरह झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावना से प्रेरित हैं। रंधावा ने कहा कि इन बयानों से उनकी सार्वजनिक छवि को नुकसान पहुंचा, उन्होंने मानसिक उत्पीड़न सहा और यह जानबूझकर मानहानि का प्रयास है।
रंधावा ने अपने लंबे राजनीतिक करियर (पूर्व उपमुख्यमंत्री, वरिष्ठ विधायक और कांग्रेस नेता) का हवाला देते हुए कहा कि सिद्धू के आरोप न सिर्फ बेबुनियाद हैं, बल्कि उनकी साख पर सीधा प्रहार हैं।
कानूनी नोटिस के तहत नवजोत कौर सिद्धू से मांग की गई है कि 7 दिनों के भीतर सार्वजनिक माफी जारी करें, उन्हीं मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर माफी प्रकाशित करें, जहां आरोप लगाए गए और भविष्य में ऐसे आरोप दोहराने से बचें।