क्या अजमेर फोटो ब्लैकमेल कांड के चार आरोपियों को हाईकोर्ट से राहत मिली?

सारांश
Key Takeaways
- राजस्थान हाईकोर्ट ने चार आरोपियों को जमानत दी।
- उन्हें पॉक्सो कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
- आरोपियों ने न्यायालय पर विश्वास जताया है।
अजमेर, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। अजमेर में प्रचलित अश्लील फोटो ब्लैकमेल कांड के चार आरोपियों को राजस्थान हाईकोर्ट से महत्वपूर्ण राहत प्राप्त हुई है। हाईकोर्ट ने चारों आरोपियों को जमानत प्रदान की है। इन्हें पॉक्सो कोर्ट ने 20 अगस्त 2024 को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
हाईकोर्ट द्वारा आजीवन कारावास की सजा पर स्थगन आदेश जारी होने के बाद मंगलवार को आरोपी नफीस चिश्ती, इकबाल भाटी, सलीम चिश्ती और सैयद जमीर हुसैन अजमेर केंद्रीय कारागृह से बाहर आए।
आरोपियों ने पॉक्सो कोर्ट के फैसले के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में अपील की थी। लगभग एक वर्ष की सुनवाई के बाद 8 अगस्त को हाईकोर्ट ने सजा पर रोक लगाई और आरोपियों को जमानत दी। न्यायमूर्ति इंद्रजीत सिंह की एकलपीठ ने 2-2 जमानतदारों के आधार पर यह राहत दी।
आरोपियों के वकील आशीष राजोरिया ने बताया कि 8 अगस्त को दिए गए आदेशों को पेश किया गया। पॉक्सो कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि आरोपियों को दो-दो जमानती लाने होंगे। जमानती के असली दस्तावेज जमीन या मकान के होने चाहिए। आरोपियों के परिजनों ने उनकी जमानत तस्दीक कराई, जिसे स्वीकार कर लिया गया और हाईकोर्ट ने उनकी रिहाई के आदेश दिए।
जमानत पर रिहा होकर जेल से बाहर आए मुख्य आरोपी नफीस चिश्ती ने कहा कि उन्हें उच्च न्यायालय पर पूर्ण विश्वास था, न्यायालय पर आज भी भरोसा है और कल भी भरोसा रहेगा, जो करेगा मालिक अच्छा करेगा।