अखिलेश यादव ने मस्जिद में जाली वाली टोपी क्यों नहीं पहनी? इफराहिम हुसैन का सवाल

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अखिलेश यादव ने मस्जिद में जाली वाली टोपी क्यों नहीं पहनी? इफराहिम हुसैन का सवाल

सारांश

अखिलेश यादव की मस्जिद में टोपी न पहनने पर मुस्लिम धर्मगुरु इफराहिम हुसैन ने सवाल उठाया है। जानिए इस विवाद की पूरी कहानी और इसका राजनीतिक महत्व।

Key Takeaways

  • अखिलेश यादव का मस्जिद में जाना राजनीतिक विवाद का कारण बना।
  • इफराहिम हुसैन ने टोपी न पहनने का सवाल उठाया।
  • सपा नेताओं ने मस्जिद में किसी गतिविधि से इंकार किया।
  • इस विवाद का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है।

अलीगढ़, 23 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव और उनके पार्टी के अन्य सांसदों द्वारा संसद भवन के निकट स्थित मस्जिद में आयोजित बैठक का मुद्दा तेजी से बढ़ता जा रहा है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अलीगढ़ के मुस्लिम धर्मगुरु इफराहिम हुसैन ने कहा कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मस्जिद में जाली वाली टोपी क्यों नहीं पहनी, इस पर उन्हें स्पष्टीकरण देना चाहिए।

इफराहिम हुसैन ने कहा कि सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव मस्जिद में गए और इस पर राजनीतिक बयानबाजी जारी है, जहां उनके वहां जाने पर आपत्ति उठाई जा रही है। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव भी वहां जाते रहे हैं और उसी तरीके से अखिलेश यादव भी गए हैं। पूरा मुस्लिम समुदाय अखिलेश यादव का समर्थन करता आया है, लेकिन इस बार कुछ कमी महसूस हो रही है।

उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव हमेशा से मुस्लिमों की जाली वाली टोपी पहनते आए हैं, लेकिन इस बार यह टोपी उनके सिर पर नहीं थी, जो एक संदेह पैदा करता है। अखिलेश यादव को स्पष्ट करना चाहिए कि ऐसा क्यों हुआ। पहले जो जालीदार टोपी होती थी, इस बार क्यों नहीं पहनी।

वहीं, इस मामले में सपा के सांसद अवधेश प्रसाद ने पार्टी नेताओं का बचाव करते हुए कहा कि हमारे नेता ने मस्जिद के अंदर किसी भी प्रकार की गतिविधि नहीं की, वह वहां केवल चाय पीने के लिए गए थे। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा इस मामले में की जा रही राजनीतिक बयानबाजी उनकी मानसिकता को दर्शाती है, भाजपा जो भी कह रही है वह पूरी तरह से गलत है। हमारे नेता की ओर से मस्जिद के अंदर किसी भी प्रकार की गतिविधि नहीं की गई।

इस मामले पर सांसद डिंपल यादव ने कहा कि जैसा बताया जा रहा है, ऐसा कुछ नहीं है। हमारे सांसद इमाम हैं और हम सभी लोग वहां एक सामाजिक कार्यक्रम के लिए गए थे। वहां कोई बैठक नहीं हुई।

Point of View

बल्कि यह धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान से भी जुड़ा हुआ है। समाजवादी पार्टी को मुसलमानों का समर्थन हमेशा से मिलता आया है, लेकिन इस बार अखिलेश यादव द्वारा टोपी न पहनने से सवाल उठ रहे हैं। यह स्थिति सपा की छवि को प्रभावित कर सकती है।
NationPress
24/07/2025

Frequently Asked Questions

अखिलेश यादव ने मस्जिद में टोपी क्यों नहीं पहनी?
इसके पीछे कई राजनीतिक और व्यक्तिगत कारण हो सकते हैं, जो अभी स्पष्ट नहीं हैं।
इस मुद्दे पर इफराहिम हुसैन का क्या कहना है?
इफराहिम हुसैन ने अखिलेश यादव से स्पष्टता मांगी है कि उन्होंने टोपी क्यों नहीं पहनी।
क्या सपा के अन्य नेता इस मुद्दे पर कुछ बोले हैं?
हाँ, सपा के सांसदों ने इस मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त किए हैं कि वे केवल चाय पीने गए थे।