क्या आंध्र प्रदेश के विधायक बालकृष्ण की टिप्पणी ने राजनीतिक विवाद को जन्म दिया?

सारांश
Key Takeaways
- राजनीतिक भाषा की गरिमा बनाए रखना आवश्यक है।
- वाईएसआरसीपी ने बालकृष्ण से माफी की मांग की है।
- इस विवाद ने आंध्र प्रदेश की राजनीति में हलचल मचाई है।
- संसदीय परंपराओं का उल्लंघन एक गंभीर मुद्दा है।
- राजनीतिक नेताओं को अपनी शब्दों का चयन सावधानी से करना चाहिए।
ताडेपल्ली, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। आंध्र प्रदेश विधानसभा में तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के विधायक नंदमुरी बालकृष्ण द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी के प्रति की गई अपमानजनक टिप्पणी के बाद राजनीतिक विवाद गहरा गया है। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) ने इस टिप्पणी को विधानसभा की गरिमा का अपमान बताते हुए बालकृष्ण से तत्काल माफी की मांग की है।
वाईएसआरसीपी प्रवक्ता मोहम्मद शरीफ ने ताडेपल्ली में राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "नंदमुरी बालकृष्ण ने विधानसभा में जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ अभद्र और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया, जो बेहद शर्मनाक है। विधानसभा जनता के कल्याण के लिए नीतियां बनाने का पवित्र मंच है, और ऐसी भाषा इसका हनन करती है।" शरीफ ने यह भी मांग की कि बालकृष्ण का विधानसभा में प्रवेश से पहले ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट किया जाए, क्योंकि उनकी टिप्पणियां गैर-जिम्मेदाराना और असंयमित हैं।
शरीफ ने कहा कि बालकृष्ण का व्यवहार न केवल सदन की मर्यादा के खिलाफ है, बल्कि इससे जगन मोहन रेड्डी के लाखों समर्थकों की भावनाएं भी आहत हुई हैं। उन्होंने कहा कि बालकृष्ण को तुरंत अपनी टिप्पणी वापस लेनी चाहिए और पूर्व मुख्यमंत्री से माफी मांगनी चाहिए। शरीफ ने बालकृष्ण के पारिवारिक रिश्तों का जिक्र करते हुए कहा, "वह पूर्व मुख्यमंत्री एन.टी. रामाराव के पुत्र, मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के साले और नारा लोकेश के ससुर हैं। इतने बड़े पद पर होने के बावजूद ऐसी भाषा का इस्तेमाल निंदनीय है।"
वाईएसआरसीपी ने इस घटना को संसदीय परंपराओं का उल्लंघन बताया और मांग की कि बालकृष्ण न केवल जगन मोहन रेड्डी, बल्कि उन सभी लोगों से माफी मांगें, जिनकी भावनाएं उनकी टिप्पणी से आहत हुई हैं। शरीफ ने कहा, "बालकृष्ण को यह समझना चाहिए कि वह विधानसभा में हैं, न कि किसी सड़क पर। उनके शब्दों ने करोड़ों लोगों के प्रिय नेता की छवि को ठेस पहुंचाई है।"
बता दें कि वाईएसआरसीपी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा रही है। पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने और बालकृष्ण के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की है। दूसरी ओर, टीडीपी की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।