क्या असम पुलिस में बड़ा परिवर्तन संभव हुआ है: हिमंता बिस्वा सरमा?
सारांश
Key Takeaways
- पुलिस व्यवस्था में सुधार
- आधुनिक तकनीक का उपयोग
- जनता का विश्वास बढ़ा
- महिलाओं की भागीदारी बढ़ी
- सुरक्षा में सुधार
गुवाहाटी, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को बताया कि राज्य की पुलिस व्यवस्था में पिछले कुछ वर्षों में गंभीर बदलाव आए हैं। एक समय जब पुलिस थानों में जाने में झिझक थी और आधारभूत संरचना कमजोर थी, अब वहां आधुनिक सुविधाएँ और जनता का विश्वास है।
सीएम सरमा ने एक्स पर लिखा कि असम की कानून-व्यवस्था प्रणाली में तेज़ विकास हुआ है, जिसमें सरकार का निरंतर निवेश, आधुनिकीकरण और नागरिक-हितैषी पुलिसिंग मॉडल से महत्वपूर्ण योगदान मिला है।
उन्होंने कहा, “जब पुलिस ढांचे की स्थिति खराब थी और लोग थानों जाने से हिचकते थे, उस वक्त से आज पुलिस के पास आधुनिक संरचना है और लोगों के पास भरोसेमंद पुलिस फोर्स है। असम ने बहुत कम समय में महत्वपूर्ण प्रगति की है।”
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह बदलाव उनकी सरकार के आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने और सार्वजनिक संस्थानों को अधिक जवाबदेह बनाने के व्यापक प्रयासों का हिस्सा है।
पिछले कुछ वर्षों में असम में तकनीकी रूप से सुसज्जित पुलिस थानों की संख्या में वृद्धि हुई है, फोरेंसिक क्षमताओं में उन्नयन हुआ है, आधुनिक वाहनों की उपलब्धता बढ़ी है, और पुलिस कर्मियों के लिए आवास सुविधाओं में सुधार किया गया है। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि इन प्रयासों से जनता की पुलिस के प्रति धारणा में बड़ा बदलाव आया है।
सरमा की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब राज्य सरकार पुलिस सुधारों पर जोर दे रही है, जिसमें सेवाओं का डिजिटलीकरण, पुलिस बल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना, नागरिक सेवा केंद्र, ऑनलाइन एफआईआर प्रणाली और उन्नत संचार नेटवर्क जैसे कदम शामिल हैं। इन पहलों से पुलिस और जनता के बीच दूरी कम हुई है।
विश्लेषकों का मानना है कि मुख्यमंत्री द्वारा विश्वास बढ़ाने पर जोर देना असम की शासन-व्यवस्था के प्रमुख नैरेटिव का हिस्सा है, खासकर जब कानून व्यवस्था राज्य की राजनीति में लंबे समय से महत्वपूर्ण मुद्दा रही है।
हाल ही में जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, राज्य में कुछ श्रेणियों के अपराधों में कमी आई है और शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिक्रिया तंत्र मजबूत हुआ है।
राज्य सरकार प्रशिक्षण सुविधाओं के विस्तार और साइबर अपराध, ड्रग तस्करी व सीमा-संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए विशेष इकाइयों के गठन पर भी काम कर रही है। सरमा ने कहा कि लक्ष्य एक ऐसी पुलिस व्यवस्था बनाना है जो सक्षम और नागरिकों के प्रति संवेदनशील हो।