क्या इस वर्ष अगस्त में थोक महंगाई दर बढ़कर 0.52 प्रतिशत हुई?

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क्या इस वर्ष अगस्त में थोक महंगाई दर बढ़कर 0.52 प्रतिशत हुई?

सारांश

अगस्त 2025 में भारत की थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर 0.52 प्रतिशत तक पहुँच गई है। मुख्य कारण खाद्य उत्पादों और विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि है। जानिए इस स्थिति का प्रभाव और भविष्य की संभावनाएँ क्या हैं।

Key Takeaways

  • अगस्त में थोक महंगाई दर 0.52 प्रतिशत रही।
  • खाद्य उत्पादों और विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि का प्रमुख कारण।
  • ईंधन मुद्रास्फीति -3.17 प्रतिशत पर रही।
  • उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में वृद्धि 2.07 प्रतिशत हुई।
  • आरबीआई ने मुद्रास्फीति का अनुमान 3.1 प्रतिशत लगाया।

नई दिल्ली, 15 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत की थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर अगस्त में 0.52 प्रतिशत तक पहुँच गई, जिसका मुख्य कारण खाद्य उत्पादों और विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि है।

केंद्र सरकार ने प्रेस रिलीज में कहा, "अगस्त 2025 में मुद्रास्फीति की सकारात्मक दर मुख्य रूप से खाद्य उत्पादों, अन्य मैन्युफैक्चरिंग, गैर-खाद्य वस्तुओं, अन्य अधात्विक खनिज उत्पादों और अन्य परिवहन उपकरणों आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है।"

आंकड़ों के अनुसार, अगस्त के दौरान पेट्रोल, डीजल और प्राकृतिक गैस जैसे ईंधनों की कीमतों में गिरावट जारी रही, जिससे ईंधन मुद्रास्फीति घटकर नकारात्मक क्षेत्र में -3.17 प्रतिशत रह गई।

अगस्त में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में मासिक आधार पर बदलाव 0.52 प्रतिशत रहा, जबकि इससे पहले जुलाई में थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में इस वर्ष दो वर्ष के निचले स्तर (-) 0.58 प्रतिशत पर आ गई थी, जिसका मुख्य कारण खाद्य पदार्थों की कीमतों का कम होना था।

इस बीच, सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा बीते शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित देश की मुद्रास्फीति दर अगस्त में 2.07 प्रतिशत हो गई, हालांकि महीने के दौरान खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट जारी रही, जिससे आम आदमी पर बोझ कुछ कम हुआ। इससे पहले जुलाई में खुदरा महंगाई दर 1.61 प्रतिशत थी।

मंत्रालय की ओर से बताया गया कि महंगाई दर का निचले स्तरों पर बने रहने की वजह खाद्य महंगाई दर का नकारात्मक रहना है, जो कि अगस्त 2025 में सालाना आधार पर -0.69 प्रतिशत रही है। अगस्त में खाद्य महंगाई दर ग्रामीण क्षेत्र में -0.70 प्रतिशत और शहरी क्षेत्र में -0.58 प्रतिशत रही है।

इससे पहले जुलाई में खाद्य महंगाई दर -1.76 प्रतिशत थी।

रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2025-26 के लिए भारत की उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति 3.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है क्योंकि मानसून की स्थिर प्रगति और खरीफ की अच्छी बुवाई से खाद्य कीमतों पर नियंत्रण रहने की उम्मीद है।

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने हाल ही में कहा, "2025-26 के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान जून में की गई अपेक्षा से अधिक सौम्य हो गया है। दक्षिण-पश्चिम मानसून की स्थिर प्रगति, अच्छी खरीफ बुवाई, पर्याप्त जलाशय स्तर और खाद्यान्नों के पर्याप्त बफर स्टॉक के साथ बड़े अनुकूल आधार प्रभावों ने इस नरमी में योगदान दिया है।"

Point of View

मैं यह कहना चाहूंगा कि महंगाई दर में वृद्धि एक महत्वपूर्ण संकेत है। हमें इसे गंभीरता से लेना चाहिए और सरकार तथा नीति निर्माताओं को चाहिए कि वे इस पर ध्यान दें। हमें आर्थिक स्थिरता के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
NationPress
15/09/2025

Frequently Asked Questions

थोक महंगाई दर क्या है?
थोक महंगाई दर वह दर है जो थोक मूल्य सूचकांक के आधार पर मापी जाती है, जो वस्तुओं के थोक व्यापार में मूल्य परिवर्तन को दर्शाती है।
अगस्त में महंगाई दर में वृद्धि का मुख्य कारण क्या है?
अगस्त में महंगाई दर में वृद्धि का मुख्य कारण खाद्य उत्पादों और विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि है।