क्या बंगाल में कानून-व्यवस्था ध्वस्त है? ममता बनर्जी का प्रशासन पर कोई नियंत्रण नहीं: प्रवीण खंडेलवाल

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क्या बंगाल में कानून-व्यवस्था ध्वस्त है? ममता बनर्जी का प्रशासन पर कोई नियंत्रण नहीं: प्रवीण खंडेलवाल

सारांश

पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। क्या ममता बनर्जी अपने प्रशासन पर नियंत्रण खो चुकी हैं? जानिए इस मुद्दे पर प्रवीण खंडेलवाल का क्या कहना है।

Key Takeaways

  • बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है।
  • महिलाओं के खिलाफ अत्याचार बढ़ रहे हैं।
  • आरएसएस पर प्रतिबंध की मांग को लेकर विवाद है।
  • एनडीए में सहयोगियों की नाराजगी केवल मीडिया का भ्रम है।
  • प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बिहार में एनडीए का सरकार बनाने का दावा।

नई दिल्ली, १३ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर गैंगरेप मामले को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कड़ा हमला बोला है। खंडेलवाल ने कहा कि ममता बनर्जी का बयान यह साबित करता है कि वह शासन चलाने में पूरी तरह से असफल रही हैं।

उन्होंने कहा, "बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। ममता बनर्जी का अपने प्रशासन पर कोई नियंत्रण नहीं है, और यही कारण है कि ऐसी गंभीर घटनाएं बार-बार घटित हो रही हैं।"

प्रवीण खंडेलवाल ने ममता बनर्जी के बयान को 'बचकाना' करार देते हुए कहा कि एक महिला मुख्यमंत्री को इस प्रकार का बयान देना शोभनीय नहीं है। बंगाल में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार बढ़ रहे हैं और टीएमसी के गुंडे आए दिन हिंसा करते हैं।

उन्होंने कहा, "बंगाल में कोई भी व्यक्ति सुरक्षित नहीं है और ममता का यह बयान इस कड़वी सच्चाई को उजागर करता है।"

कर्नाटक सरकार के मंत्री प्रियांक खड़गे द्वारा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर सरकारी परिसरों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग पर भी प्रवीण खंडेलवाल ने कड़ा रुख अपनाया।

उन्होंने कहा, "जिसने भी आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास किया, वह स्वयं समाप्त हो गया। आरएसएस देशभक्ति से प्रेरित समाज सेवा करने वाला संगठन है, जो लोगों की मदद करता है। ऐसे भ्रम फैलाने वालों को देश की जनता देख रही है और उन्हें माफ नहीं करेगी। आरएसएस को खत्म करने की कोशिश करने वाले स्वयं अपना अस्तित्व खो देते हैं।"

वहीं, बिहार में एनडीए गठबंधन के सहयोगियों को कम सीटें मिलने से उपजे असंतोष की खबरों पर प्रवीण खंडेलवाल ने बड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की कथित नाराजगी पर उन्होंने कहा, "यह केवल मीडिया में भ्रम फैलाया जा रहा है। दोनों नेता खुश हैं और एनडीए के नेतृत्व में बिहार में नीतीश कुमार की सरकार बनेगी।"

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बिहार में एनडीए की सरकार बनने का दावा करते हुए कहा कि गठबंधन में किसी भी प्रकार की नाराजगी नहीं है। हम बिहार में बड़ी जीत हासिल कर सरकार बनाने जा रहे हैं।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम राजनीतिक बयानों का निष्पक्ष विश्लेषण करें। ममता बनर्जी की सरकार के खिलाफ उठाए गए सवाल और आरोप, विशेषकर कानून-व्यवस्था के मामले में, भारतीय राजनीति के महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। हमें इन बयानों को गंभीरता से लेना चाहिए और समाज में हो रहे परिवर्तनों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
NationPress
13/10/2025

Frequently Asked Questions

ममता बनर्जी के बयान का क्या अर्थ है?
प्रवीण खंडेलवाल का कहना है कि ममता बनर्जी का बयान उनके प्रशासन की असफलता को दर्शाता है।
बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा का क्या हाल है?
प्रवीण खंडेलवाल का आरोप है कि बंगाल में महिलाओं पर अत्याचार बढ़ रहे हैं और कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब है।
आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की मांग क्यों की गई?
कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने आरएसएस की गतिविधियों पर प्रतिबंध की मांग की थी, जिसे प्रवीण खंडेलवाल ने गलत बताया।