क्या चुनाव आयोग को बंगाल में एसआईआर कार्यक्रम बनाते समय दुर्गा पूजा का ध्यान रखना चाहिए?

सारांश
Key Takeaways
- चुनाव आयोग को एसआईआर कार्यक्रम में दुर्गा पूजा का ध्यान रखना चाहिए।
- भाजपा ने 1700 बूथों के पुनर्गठन का प्रस्ताव पेश किया।
- शुभेंदु अधिकारी ने टीएमसी पर आरोप लगाए हैं।
बारासात, 10 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को एसआईआर का कार्यक्रम बनाते समय दुर्गा पूजा जैसे पूजा उत्सव को ध्यान में रखना चाहिए।
शुभेंदु अधिकारी ने उत्तर 24 परगना जिले के बारासात में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव आयोग को एसआईआर का कार्यक्रम बनाते समय पूजा उत्सव का ध्यान रखना चाहिए। दुर्गा पूजा उत्सव सनातनी हिंदुओं का सबसे प्रमुख त्योहार है, इसलिए इसमें किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आनी चाहिए। राज्य के बीएलओ भी उस समय अपने-अपने घरों में हिंदू धर्म के अनुसार अनुष्ठानों का संचालन करेंगे।
शुभेंदु अधिकारी ने दिल्ली में सीईओ के साथ चुनाव आयोग की बैठक पर कहा कि हम बैठक के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि एसआईआर जल्द से जल्द शुरू हो। हम चाहते हैं कि चुनाव आयोग कार्यक्रम बनाते समय दुर्गा पूजा उत्सव को ध्यान में रखे।
उन्होंने आगे कहा कि इस बार पश्चिम बंगाल की जनता लोकतांत्रिक प्रक्रिया के माध्यम से इस मशीनरी को तोड़ने का प्रयास करेगी। एक मजबूत विपक्षी दल के रूप में भाजपा अपनी गतिविधियां संचालित कर रही है। भाजपा ने तुरंत 1700 बूथों के पुनर्गठन का प्रस्ताव पेश किया। सीपीएम, कांग्रेस, किसी ने भी यह प्रस्ताव पेश नहीं किया। भाजपा टीएमसी को सत्ता से बेदखल करने के लिए लड़ाई लड़ रही है और भाजपा ऐसा करेगी।
भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने सत्तारूढ़ पार्टी के टीएमसी कार्यकर्ताओं के नाम बीएलओ के रूप में शामिल किए जाने के आरोपों पर कहा कि हमने 29 अगस्त को सर्वदलीय बैठक में यह मुद्दा उठाया था। हमने जिला कलेक्टर कार्यालय से 80 हजार नाम एकत्रित किए हैं और हम इस पर काम कर रहे हैं। लगभग 10 हजार नाम उचित प्राधिकारी और मीडिया को सौंपे जाने हैं। चुनाव आयोग की गतिविधियां संतोषजनक हैं।