क्या बंगाल में 50 लाख नाम ऐसे हैं जो यहां रहते नहीं?
सारांश
Key Takeaways
- 50 लाख नाम राज्य में निवास नहीं करते हैं।
- 23 लाख नाम 'मृत वोटर' श्रेणी में हैं।
- मतदाता सूची की फाइनल सूची 16 दिसंबर को आएगी।
- यह स्थिति चुनावी प्रक्रिया पर प्रभाव डाल सकती है।
- नोटिस फेज 16 दिसंबर से शुरू होगा।
कोलकाता, 4 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल में दूसरे चरण के तहत मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) जारी है। गणना प्रपत्र के डिजिटलीकरण के दौरान 50 लाख लोग ऐसे चिन्हित किए गए हैं, जो पश्चिम बंगाल में निवास नहीं करते हैं।
मंगलवार शाम तक हुई डिजिटलीकरण की जानकारी के अनुसार, यह आंकड़ा 46 लाख से थोड़ा ज्यादा था और बुधवार रात तक यह लगभग 50 लाख तक पहुंच गया। यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा माना जा रहा है। इसके साथ ही आने वाले समय में यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।
विशेष बात यह है कि पश्चिम बंगाल में 24 घंटे के अंदर मतदाता सूची से बाहर किए जाने वाली लिस्ट में लगभग चार लाख नाम शामिल किए गए हैं।
पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, बुधवार रात तक बाहर किए जाने के लिए योग्य पाए गए 50 लाख नामों में से 23 लाख से ज्यादा नाम “मृत वोटर” श्रेणी में आते हैं, इसके बाद “स्थानांतरित” मतदाता श्रेणी में 18 लाख से ज्यादा नाम हैं।
जबकि “गायब” मतदाताओं की संख्या सात लाख से ज्यादा हो गई है, बाकी बचे “डुप्लीकेट” मतदाता हैं और वे हैं जिन्हें दूसरे कारणों से हटाने के लिए चिह्नित किया गया है।
मतदाता सूची से हटाने के लिए चिह्नित किए गए नामों की फाइनल सूची 16 दिसंबर को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पब्लिश होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी।
इसके बाद नोटिस फेज शुरू हो जाएगा, जिसमें चुनावी पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) द्वारा गणना प्रपत्र पर नोटिस जारी करना, सुनवाई, प्रमाणित और निर्णय लेना शामिल होगा, जो 16 दिसंबर से 7 फरवरी, 2026 के बीच होगा।
निर्वाचक नामावली के विभिन्न पैरामीटर की जांच और फाइनल पब्लिकेशन के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) की अनुमति 10 फरवरी, 2026 को होगी। निर्वाचक नामावली का फाइनल पब्लिकेशन 14 फरवरी को होगा, जो पहले 7 फरवरी तय किया गया था। 27 अक्टूबर तक के निर्वाचक नामावली के अनुसार, पश्चिम बंगाल में कुल वोटरों की संख्या 7,66,37,529 है।