क्या बेंगलुरु और अनंतपुर के आईटी मंत्रियों के बीच बहस खत्म होगी?

सारांश
Key Takeaways
- बेंगलुरु की सड़कों की स्थिति से कंपनियों का पलायन हो रहा है।
- अनंतपुर को एक वैकल्पिक आईटी हब के रूप में पेश किया गया है।
- प्रतिस्पर्धा से दोनों राज्यों में विकास की संभावना है।
- खड़गे और लोकेश के बीच बहस ने सामाजिक मीडिया पर तूल पकड़ा।
- आईटी क्षेत्र में विकास के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार की आवश्यकता है।
बेंगलुरु, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक के आईटी मंत्री प्रियांक खड़गे और आंध्र प्रदेश के आईटी मंत्री नारा लोकेश के बीच सोशल मीडिया पर तकरार देखने को मिली है। बेंगलुरु में खराब सड़कों और बुनियादी ढांचे की समस्याओं के कारण कंपनियों के पलायन की खबरों के बीच, लोकेश ने अनंतपुर को एक वैकल्पिक हब के रूप में पेश किया। इस पर खड़गे ने 'परजीवी' जैसी टिप्पणी की।
आंध्र प्रदेश के मंत्री नारा लोकेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक रिपोर्ट साझा करते हुए कहा कि बेंगलुरु के आउटर रिंग रोड (ओआरआर) की स्थिति बिगड़ने के कारण स्टार्टअप्स प्रभावित हो रहे हैं और कंपनियां उत्तर बेंगलुरु या व्हाइटफील्ड की ओर जा रही हैं।
उन्होंने चुटकी लेते हुए लिखा, "नॉर्थ सुनने में अच्छा लगता है। थोड़ा और नॉर्थ में अनंतपुर है, जहां हम विश्व स्तरीय एयरोस्पेस और डिफेंस इकोसिस्टम बना रहे हैं।"
इस पर कर्नाटक सरकार के मंत्री प्रियांक खड़गे ने पलटवार करते हुए आंध्र प्रदेश को 'कमजोर इकोसिस्टम' करार दिया। उन्होंने बेंगलुरु की मजबूती का उल्लेख करते हुए लिखा कि बेंगलुरु का जीडीपी 2035 तक 8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा, जो इसे दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला शहर बनाएगा।
खड़गे ने आगे कहा, "2025 में बेंगलुरु की शहरी आबादी 1.44 करोड़ होगी, जिसमें सालाना 2.76 प्रतिशत की वृद्धि होगी।"
लोकेश ने राज्य की युवा आबादी के लिए रोजगार सृजन और निवेश को आकर्षित करने पर जोर दिया। उन्होंने खड़गे को सलाह दी कि वो सड़कों पर गड्ढों को ठीक करें, ताकि यात्रा में रुकावट न आए।
खड़गे ने कहा, "प्रतिस्पर्धा हमेशा स्वागत योग्य होती है, लेकिन इसे अहंकार की तरह नहीं होना चाहिए।"