क्या भारत और अमेरिका इस सप्ताह अंतरिम व्यापार समझौता करने जा रहे हैं? : रिपोर्ट

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क्या भारत और अमेरिका इस सप्ताह अंतरिम व्यापार समझौता करने जा रहे हैं? : रिपोर्ट

सारांश

क्या भारत और अमेरिका के बीच इस सप्ताह अंतरिम व्यापार समझौते पर सहमति बन जाएगी? इस समझौते से भारतीय निर्यात को टैरिफ बढ़ोतरी से बचाने में मदद मिल सकती है। जानें इस महत्वपूर्ण वार्ता के बारे में और इसकी संभावित प्रभावों के बारे में।

Key Takeaways

  • भारत और अमेरिका इस सप्ताह एक अंतरिम व्यापार समझौते पर सहमति बना सकते हैं।
  • यह समझौता टैरिफ वृद्धि से बचने में मदद करेगा।
  • बातचीत में अमेरिकी कृषि उत्पादों के लिए भारतीय बाजार की पहुंच पर जोर दिया जा रहा है।
  • भारत ने अमेरिका से तेल और गैस की खरीद बढ़ा दी है।
  • व्यापार 2024 में 129 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।

नई दिल्ली, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत और अमेरिका इस सप्ताह एक अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, यह समझौता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित भारतीय निर्यात पर टैरिफ वृद्धि से बचने में मदद कर सकता है।

भारत की ओर से विशेष सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में एक वार्ताकार टीम वॉशिंगटन में उच्च स्तरीय बातचीत में जुटी है, ताकि इस द्विपक्षीय व्यापार समझौते को जल्द से जल्द अंतिम रूप दिया जा सके।

रिपोर्ट के अनुसार, विदेश मंत्री एस. जयशंकर मंगलवार या बुधवार को वॉशिंगटन में एक बैठक के दौरान अपने अमेरिकी समकक्ष मार्को रुबियो से द्विपक्षीय चर्चा कर सकते हैं।

यह अंतरिम समझौता एक व्यापक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की दिशा में पहला कदम माना जा रहा है। दोनों देशों के वार्ताकार 9 जुलाई की समय सीमा से पहले इसे अंतिम रूप देना चाहते हैं। यह वही समय सीमा है, जो राष्ट्रपति ट्रंप ने भारतीय उत्पादों पर नए टैरिफ लगाने से पहले 90 दिनों की मोहलत के तौर पर तय की थी।

हालांकि, व्यापक व्यापार समझौते पर वार्ता सितंबर-अक्टूबर तक जारी रहने की संभावना है।

अमेरिका अपने कृषि और डेयरी उत्पादों के लिए भारत में व्यापक बाजार पहुंच चाहता है, जबकि भारत के लिए यह मुद्दा छोटे किसानों की आजीविका से जुड़ा हुआ है, इसलिए यह एक संवेदनशील क्षेत्र बना हुआ है।

भारत कुछ कृषि उत्पादों जैसे बादाम के आयात की अनुमति दे सकता है, जो पहले से ही देश में आ रहे हैं। इसके बदले में भारत समुद्री उत्पादों (झींगा, मछली), मसाले, कॉफी और रबर जैसे क्षेत्रों में अमेरिकी बाजार तक बेहतर पहुंच की मांग कर सकता है, जहां भारतीय निर्यातक वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अग्रणी हैं, लेकिन अमेरिकी टैरिफ की बाधा का सामना करते हैं।

भारत ने पहले ही अमेरिका से तेल और गैस की खरीद बढ़ा दी है ताकि व्यापार अधिशेष में संतुलन लाया जा सके। साथ ही, भारत ने अमेरिकी टैरिफ में छूट के बदले अपने आयात शुल्क में औसतन 13 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत तक कमी का प्रस्ताव दिया है। यह प्रस्ताव हाल ही में ब्रिटेन के साथ हुए एफटीए जैसा ही है।

भारत स्टील, एल्युमीनियम, ऑटो पार्ट्स और दवाइयों जैसे औद्योगिक उत्पादों के लिए अमेरिकी बाजार में बेहतर पहुंच चाहता है। हाल ही में अमेरिका ने इन उत्पादों पर सुरक्षा शुल्क बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया था, जिससे भारतीय निर्यात पर नकारात्मक असर पड़ा है। भारत ने इस मुद्दे को डब्ल्यूटीओ में उठाया है, लेकिन इसे द्विपक्षीय समझौते के जरिए सुलझाने की भी कोशिश जारी है।

साल 2024 में भारत-अमेरिका के बीच व्यापार 129 अरब डॉलर तक पहुंच गया था, जिसमें भारत का व्यापार अधिशेष 45.7 अरब डॉलर रहा। इस साल फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने ‘मिशन 500’ की शुरुआत की थी, जिसका लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है।

Point of View

यह समझौता छोटे किसानों और कुछ संवेदनशील क्षेत्रों पर भी प्रभाव डालेगा। हमें उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच समझौता न केवल व्यापार को बढ़ावा देगा, बल्कि दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को भी मजबूत करेगा।
NationPress
04/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत और अमेरिका के बीच यह समझौता कब होगा?
यह समझौता इस सप्ताह होने की संभावना है, विशेष रूप से 9 जुलाई की समय सीमा से पहले।
इस समझौते से भारतीय निर्यात पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
यह समझौता भारतीय निर्यात पर टैरिफ वृद्धि से बचाव करेगा, जिससे व्यापार में वृद्धि हो सकती है।
डोनाल्ड ट्रंप का इसमें क्या रोल है?
डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय निर्यात पर टैरिफ वृद्धि का प्रस्ताव दिया था, और इस समझौते से इसे टालने का प्रयास हो रहा है।