क्या भारत और फ्रांस की वायुसेना का युद्धाभ्यास ‘गरुड़-25’ सफल रहा?

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क्या भारत और फ्रांस की वायुसेना का युद्धाभ्यास ‘गरुड़-25’ सफल रहा?

सारांश

भारत और फ्रांस की वायुसेनाओं ने एक द्विपक्षीय वायु अभ्यास ‘गरुड़ 25’ का आयोजन किया है, जिसमें आधुनिक युद्ध तकनीकों का उपयोग कर हवाई लड़ाई का अभ्यास किया गया। यह अभ्यास दोनों देशों के पायलटों के बीच सहयोग और संचालन क्षमताओं को और मजबूत करता है।

Key Takeaways

  • दोनों वायु सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल।
  • आधुनिक युद्ध तकनीकों का अभ्यास।
  • संयुक्त ऑपरेशनल क्षमताओं का सुदृढ़ीकरण।
  • हवा से हवा में ईंधन भरने का अभ्यास।
  • पेशेवर कौशल और अनुशासन की सराहना।

नई दिल्ली, 4 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और फ्रांस की वायुसेनाओं ने एक द्विपक्षीय वायु अभ्यास का आयोजन किया, जो वास्तविक युद्ध जैसे परिदृश्यों में संपन्न हुआ। इस अभ्यास का नाम ‘गरुड़ 25' है, जिसमें भारतीय वायुसेना के सुखोई (एसयू-30एमकेआई) लड़ाकू विमानों ने भाग लिया। वहीं, फ्रांस के बहुउद्देशीय लड़ाकू विमानों ने जटिल कृत्रिम हवाई युद्ध परिदृश्यों में उड़ान भरी। दोनों देशों के वीर पायलटों ने लड़ाकू विमानों से हवाई हमलों का व्यापक अभ्यास किया।

इस अभ्यास का आयोजन फ्रांस में किया गया, जिसमें हवा से हवा में युद्ध, वायु रक्षा और संयुक्त हमला जैसे महत्वपूर्ण अभियानों का समावेश था। भारतीय वायुसेना के अनुसार, यह संयुक्त युद्धाभ्यास सफलतापूर्वक संपन्न हुआ है। अभ्यास के दौरान दोनों देशों के पायलटों और तकनीकी दलों ने उच्च स्तर की संचालन क्षमता का प्रदर्शन किया। दोनों वायुसेनाओं ने विभिन्न मिशनों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया, जिनमें एयर-टू-एयर कॉम्बैट, एयर डिफेंस, लंबी दूरी के स्ट्राइक मिशन, एयर-टू-ग्राउंड समन्वय और रणनीतिक एयर ऑपरेशंस शामिल थे।

अभ्यास के दौरान भारतीय वायुसेना और फ्रेंच एयर एंड स्पेस फोर्स की टीमों ने पूर्ण तालमेल के साथ कार्य करते हुए असाधारण पेशेवर दक्षता और सटीकता का परिचय दिया। जटिल परिस्थितियों में भी दोनों देशों के पायलटों ने बेहतरीन निर्णय क्षमता और मिशन एक्सीक्यूशन कौशल प्रदर्शित किया। इस अभ्यास ने इंटरऑपरेबिलिटी अर्थात संयुक्त रूप से ऑपरेशन संचालित करने की क्षमता को और मजबूत किया है।

भारतीय वायुसेना का कहना है कि इस संयुक्त सैन्य अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों की वायु सेनाओं के बीच रणनीतिक समझ, आधुनिक युद्धक तकनीकों और संयुक्त ऑपरेशनल क्षमताओं को बढ़ाना था। अभ्यास के दौरान दोनों पक्षों ने उन्नत प्लेटफॉर्म, हथियार प्रणालियों और संचार नेटवर्क के उपयोग पर भी विशेष ध्यान केंद्रित किया, जिससे रियल-टाइम कोऑर्डिनेशन और मिशन-प्लानिंग बेहद प्रभावी रही।

गौरतलब है कि फ्रांस के मोंट-डे-मार्सन में यह अभ्यास किया गया। अभ्यास में सी-17 ग्लोबमास्टर द्वारा एयरलिफ्ट किया गया। इसमें शामिल लड़ाकू विमानों की रेंज और स्थायित्व बढ़ाने के लिए हवा से हवा में ईंधन भरने का अभ्यास भी किया गया। यह अभ्यास फ्रांस स्थित एक एयर बेस पर हुआ और इस श्रृंखला का 8वां संस्करण था। इसमें दोनों देशों की वायु सेनाओं ने आधुनिक युद्ध परिदृश्य आधारित कई जटिल हवाई अभियानों में भाग लिया।

अभ्यास के दौरान भारतीय वायुसेना और फ्रेंच एयर एंड स्पेस फोर्स की टीमों ने संयुक्त रूप से कई उन्नत ऑपरेशनों का अभ्यास किया, जिनमें संयुक्त मिशन योजना शामिल थी। दोनों वायुसेनाओं के मिशन कमांडरों ने एक साथ बैठकर रणनीति, लक्ष्य निर्धारण और मिशन फ्लो तय किया। वास्तविक युद्ध जैसे परिदृश्य में दोनों देशों के लड़ाकू विमानों ने सटीक स्ट्राइक मिशन, एस्कॉर्ट ड्यूटी, एयर-डिफेंस और आक्रामक-रक्षा अभियानों का संयुक्त अभ्यास किया।

वायुसेना के अनुसार, दोनों सेनाओं के संचालन तरीकों की पारस्परिक समझ बढ़ी, जिससे भविष्य के संयुक्त अभियानों में बेहतर तालमेल सुनिश्चित होगा। इस अभ्यास के दौरान भारतीय मेंटेनेंस दल ने सभी लड़ाकू एवं समर्थन विमानों की बेहतरीन सर्विसिंग सुनिश्चित की। इससे सभी निर्धारित मिशनों का बिना किसी बाधा के सफलतापूर्वक संचालन संभव हुआ। अभ्यास के अंतिम चरण में भारत और फ्रांस के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने भाग लिया। उन्होंने दोनों देशों के दलों के पेशेवराना कौशल, अनुशासन, और मिशन के प्रति समर्पण की सराहना की। यह अभ्यास दोनों देशों के बीच दशकों पुरानी रक्षा साझेदारी और पारस्परिक विश्वास को और मजबूत किया।

Point of View

बल्कि यह उनके रक्षा सहयोग को भी और सुदृढ़ करता है। भारत की रक्षा रणनीति को और प्रभावी बनाने के लिए ऐसे अभ्यास बेहद महत्वपूर्ण हैं।
NationPress
09/12/2025

Frequently Asked Questions

गरुड़ 25 युद्धाभ्यास का मुख्य उद्देश्य क्या था?
इस युद्धाभ्यास का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों की वायु सेनाओं के बीच रणनीतिक समझ और आधुनिक युद्धक तकनीकों को बढ़ाना था।
इस अभ्यास में किन विमानों ने भाग लिया?
इस अभ्यास में भारतीय वायुसेना के सुखोई (एसयू-30एमकेआई) लड़ाकू विमान और फ्रांस के बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान शामिल हुए।
यह अभ्यास किस स्थान पर आयोजित हुआ?
यह अभ्यास फ्रांस के मोंट-डे-मार्सन में आयोजित किया गया।
इस अभ्यास में कौन-कौन से प्रमुख अभियानों का समावेश था?
इसमें एयर-टू-एयर कॉम्बैट, एयर डिफेंस, लंबी दूरी के स्ट्राइक मिशन, और अन्य कई अभियानों का समावेश था।
इस अभ्यास के दौरान कौन से विशेष कौशल प्रदर्शित किए गए?
अभ्यास के दौरान पायलटों ने बेहतरीन निर्णय क्षमता, मिशन एक्सीक्यूशन कौशल और असाधारण पेशेवर दक्षता का प्रदर्शन किया।
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