क्या मजबूत अर्थव्यवस्था से भारत का विदेशी मुद्रा भंडार फिर से 700 अरब डॉलर के पार?

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क्या मजबूत अर्थव्यवस्था से भारत का विदेशी मुद्रा भंडार फिर से 700 अरब डॉलर के पार?

सारांश

भारतीय रिजर्व बैंक के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अब 700 अरब डॉलर के पार जा चुका है। यह वृद्धि मुख्यतः विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में तेजी के कारण हुई है। जानिए इस आर्थिक सफलता के पीछे के कारण और इसके प्रभाव को।

Key Takeaways

  • भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अब 700 अरब डॉलर के पार है।
  • विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में वृद्धि का मुख्य कारण है।
  • आरबीआई रुपए की स्थिरता बनाए रखने के लिए सक्रिय रूप से कार्य करता है।
  • विदेश में काम कर रहे भारतीयों द्वारा भेजे गए धन में 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
  • यह 135.46 अरब डॉलर का रिकॉर्ड है।

मुंबई, 4 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, देश का विदेशी मुद्रा भंडार अब 700 अरब डॉलर के स्तर को पार कर चुका है।

केंद्रीय बैंक ने बताया कि 27 जून को समाप्त हुए सप्ताह में, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 4.8 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ 702.78 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले सप्ताह 697.93 अरब डॉलर था।

यह पिछले नौ महीनों में पहला अवसर है जब भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 700 अरब डॉलर से ऊपर गया है। आखिरी बार यह सितंबर 2024 में 704.88 अरब डॉलर के स्तर पर था, जो अब तक का सबसे उच्चतम स्तर है।

इस वृद्धि का मुख्य कारण विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में हुई तेजी है, जो 5.75 अरब डॉलर बढ़कर 594.82 अरब डॉलर तक पहुँच गई हैं।

विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां कुल विदेशी मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जिसमें यूरो, पाउंड और येन जैसी प्रमुख मुद्राएं शामिल हैं।

हालांकि, सप्ताह के दौरान सोने के भंडार का मूल्य 84.5 अरब डॉलर रहा। इसके अलावा, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) का मूल्य 15.8 करोड़ डॉलर की वृद्धि के साथ 18.83 अरब डॉलर हो गया।

आरबीआई रुपए के मूल्य में स्थिरता बनाए रखने के लिए विदेशी मुद्रा बाजार का सक्रिय प्रबंधन करता है।

हालांकि, इसका उद्देश्य किसी विशेष विनिमय दर को बनाए रखना नहीं है, लेकिन जब आवश्यक हो, तो यह अत्यधिक अस्थिरता को रोकने के लिए हस्तक्षेप करता है।

यह आमतौर पर तरलता प्रबंधन के माध्यम से किया जाता है, जिसमें आवश्यकता पड़ने पर अमेरिकी डॉलर की बिक्री भी शामिल होती है।

इसके अतिरिक्त, आरबीआई द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, विदेश में कार्यरत भारतीयों द्वारा देश में भेजे गए धन में वित्त वर्ष 2024-25 में 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो कि रिकॉर्ड 135.46 अरब डॉलर रहा है।

Point of View

यह कहना उचित है कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 700 अरब डॉलर को पार करना हमारी अर्थव्यवस्था की मजबूती का संकेत है। यह वृद्धि न केवल निवेशकों का विश्वास बढ़ाती है, बल्कि वैश्विक स्तर पर हमारी स्थिति को भी मजबूत करती है।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अब कितना है?
अब भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 702.78 अरब डॉलर है।
विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि का मुख्य कारण क्या है?
विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में तेज वृद्धि के कारण ऐसा हुआ है।
आरबीआई विदेशी मुद्रा बाजार का प्रबंधन कैसे करता है?
आरबीआई विदेशी मुद्रा बाजार का प्रबंधन तरलता प्रबंधन के माध्यम से करता है।