क्या भारत की जीडीपी वृद्धि दर 2025 और 2026 में 6.5 प्रतिशत रहेगी?

सारांश
Key Takeaways
- भारत की जीडीपी वृद्धि दर 2025 और 2026 में 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
- एशियन डेवलपमेंट बैंक ने विकास दर को कम किया है।
- मजबूत सरकारी पूंजीगत खर्च ने अर्थव्यवस्था को सहारा दिया है।
- उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में मुद्रास्फीति की कमी आई है।
- वैश्विक व्यापार अनिश्चितता भारत की आर्थिक वृद्धि को प्रभावित कर सकती है।
नई दिल्ली, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) ने मंगलवार को एक अनुमान जारी करते हुए कहा कि 2025 (वित्त वर्ष 26) और 2026 (वित्त वर्ष 27) में भारत की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत पर बनी रह सकती है।
इस वर्ष और अगले वर्ष के लिए एडीबी ने एशिया और प्रशांत क्षेत्र की विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए विकास दर को 0.1 प्रतिशत से 0.2 प्रतिशत तक कम कर दिया है। इसका कारण टैरिफ के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव है।
एडीबी ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था 2025 की पहली छमाही में 7.6 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी। इसका कारण मजबूत सरकारी पूंजीगत खर्च था, जिसने निर्यात और मांग में कमी की भरपाई की।
रिपोर्ट में कहा गया है, "भारत में औद्योगिक विकास में भी सुधार हुआ है, मैन्युफैक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टर ने अच्छा प्रदर्शन किया है, जिससे खनन और यूटिलिटी सेक्टर में गिरावट की भरपाई हो गई है।"
एडीबी के अनुसार, मैन्युफैक्चरिंग की स्थितियां भारत और पूरी एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में मजबूत बनी हुई हैं। इसके साथ ही, भारत में सर्विस पीएमआई भी मजबूती से बनी हुई है, जिसे यात्रा और मनोरंजन सेवाओं की बढ़ती मांग का लाभ मिल रहा है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है, "दुनिया के सबसे बड़े चावल निर्यातक भारत में अनुकूल मौसम और रिकॉर्ड फसल के बीच चावल की कीमतों में भी कमी आने की संभावना है।"
अमेरिका द्वारा लगाए गए उच्च टैरिफ और बढ़ती व्यापार अनिश्चितता से क्षेत्र की वृद्धि पर असर पड़ने की आशंका है।
खाद्य और ऊर्जा की कम कीमतों के बीच इस वर्ष मुद्रास्फीति घटकर 1.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। अगले वर्ष खाद्य कीमतों के सामान्य होने पर यह मामूली वृद्धि के साथ 2.1 प्रतिशत हो सकती है।
एडीबी के अनुसार, भारत में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति अगस्त में 2.07 प्रतिशत रही, जो एक वर्ष पहले की 3.7 प्रतिशत से कम है। इस दौरान खाद्य कीमतों में लगातार तीसरे महीने गिरावट आई है, जिससे सालाना आधार पर 0.7 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। इसका मुख्य कारण सब्जियों, दालों और मसालों की कम लागत है।
एडीबी के मुख्य अर्थशास्त्री अल्बर्ट पार्क ने कहा, "अमेरिकी टैरिफ ऐतिहासिक रूप से उच्च दरों पर स्थिर हो गए हैं और वैश्विक व्यापार अनिश्चितता उच्च स्तर पर बनी हुई है।"
उन्होंने कहा, "मजबूत निर्यात और घरेलू मांग के कारण इस साल विकासशील एशिया और प्रशांत क्षेत्र में विकास दर मजबूत बनी हुई है, लेकिन बिगड़ते बाहरी माहौल का भविष्य पर असर पड़ सकता है। नए वैश्विक व्यापार माहौल में, सरकारों के लिए मजबूत व्यापक आर्थिक प्रबंधन, खुलेपन और क्षेत्रीय एकीकरण को बढ़ावा देना जारी रखना बेहद आवश्यक है।"