क्या भारत की सच्चाई युवा पीढ़ियों के सामने लाना आवश्यक है?: दिनेश प्रताप सिंह

सारांश
Key Takeaways
- भारत की सच्चाई को युवा पीढ़ियों के सामने लाना आवश्यक है।
- कुछ लोग सत्य को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं।
- राहुल गांधी को संवैधानिक संस्थाओं का समर्थन करना चाहिए।
- हिमंता बिस्वा शर्मा भारतीय संस्कृति को संवर्धित कर रहे हैं।
- योगी सरकार ऐसे पापों को बर्दाश्त नहीं करेगी।
लखनऊ, 17 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। एनसीईआरटी की 8वीं कक्षा की सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में हुए बदलावों के संबंध में सियासी हलचल तेज हो गई है। इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि भारत की सच्चाई युवा पीढ़ियों के सामने प्रस्तुत करना अत्यंत आवश्यक है।
दिनेश प्रताप सिंह ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार ने हमारे और भविष्य की पीढ़ियों के लिए भारत का सच्चा इतिहास, वीरता, साहस, बलिदान और गौरव पेश किया है। कुछ लोगों ने वोट की राजनीति के लिए सच्चाई को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किया, जो कि देश के लिए एक अन्याय है। जनता इन्हें इसकी सजा अवश्य देगी।
उन्होंने चुनाव आयोग को लेकर राहुल गांधी के बयान पर कहा कि जब देश की संवैधानिक संस्थाएं राष्ट्र और नागरिकों के हित में फैसले लेती हैं, तो राहुल गांधी को उनके साथ खड़ा होना चाहिए। यदि नेपाल, बांग्लादेश या म्यांमार के लोग बिहार, बंगाल या असम जैसी जगहों पर बस गए हैं और मतदाता बन गए हैं, तो चुनाव आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए जांच करना चाहता है, तो राहुल गांधी को ऐसी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। यदि वे इस पर टिप्पणी करते हैं, तो संदेह होता है कि वे भारतीय हैं या नहीं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के असम के सीएम हिमंता बिस्वा शर्मा पर दिए गए बयान को लेकर दिनेश प्रताप ने कहा कि हिमंता बिस्वा शर्मा असम में भारतीय संस्कृति को संवर्धित कर रहे हैं। राहुल गांधी हमेशा से भारतीय संस्कृति को तोड़ते आए हैं। वे बिस्वा शर्मा पर गलत आरोप लगा रहे हैं। राहुल लखनऊ से बेल लेकर जाते हैं और असम में जेल भेजने की बात करते हैं।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की पीढ़ियों ने जनता को राजनीतिक और आर्थिक रूप से लूटा है। ऐसे में उनका बयान स्वीकार्य नहीं है।
उन्होंने छांगुर बाबा के ठिकानों पर कार्रवाई को लेकर कहा कि इस कथित बाबा ने भारतीय संस्कृति को कलंकित किया है, और उसे कठोर दंड मिलना चाहिए। योगी सरकार किसी भी परिस्थिति में इस प्रकार के पाप को बर्दाश्त नहीं करेगी। ऐसी कार्रवाई होगी, जो अन्य के लिए एक मिसाल बनेगी।