क्या भारत न 'भगवा-ए-हिंद' बनेगा और न ही 'गजवा-ए-हिंद'?

सारांश
Key Takeaways
- भारत एक लोकतांत्रिक देश है।
- कट्टरपंथी विचारधारा को बल मिल सकता है।
- धीरेंद्र शास्त्री और रामभद्राचार्य के बयान पर गौर करने की आवश्यकता है।
बरेली, 7 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री और रामभद्राचार्य पर तीखा हमला किया है। उनका कहना है कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यह न तो 'भगवा ए हिंद''गजवा ए हिंद'।
रजवी ने कहा कि शास्त्री और रामभद्राचार्य अपने बयानों में सियासी माहौल का फायदा उठा रहे हैं। बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, और इसी कारण यह दोनों कथावाचक हिंदू राष्ट्र के निर्माण की बात कर रहे हैं। धीरेंद्र शास्त्री ने यहां तक कहा है कि यदि भारत हिंदू राष्ट्र बना, तो इसकी शुरुआत बिहार से होगी।
मौलाना रजवी ने जोर देकर कहा कि शास्त्री का बयान चुनाव की रणनीति के तहत है, जिसका उद्देश्य हिंदुओं और मुसलमानों के बीच विभाजन करना है। यह एक स्पष्ट राजनीतिक चाल है, जिससे वह एक पार्टी को फायदा पहुंचाना चाहते हैं।
दूसरी ओर, रामभद्राचार्य ने कहा कि जब भारत में 80 प्रतिशत हिंदू आबादी हो जाएगी, तब भारत को 'भगवा ए हिंद' के रूप में घोषित किया जाएगा। हालांकि, यह जानकारी पूरी तरह से गलत है क्योंकि भारत में 19 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है और शेष 81 प्रतिशत गैर-मुस्लिम है।
मौलाना ने यह भी कहा कि ऐसे बयानों से कट्टरपंथी विचारधारा को बल मिल रहा है। इन दोनों कथावाचकों के नारों में और कट्टरपंथियों के नारों में कोई अंतर नहीं रह जाएगा। यह भारत की छवि को धूमिल करता है और कट्टरपंथियों के हौसले को बढ़ाता है। भारत कभी भी न तो हिंदू राष्ट्र बनेगा और न ही इस्लामी राष्ट्र। यह एक लोकतांत्रिक देश है, और ऐसे बयानों से समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।