क्या भारत ने आतंकवाद के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की?
सारांश
Key Takeaways
- भारत ने आतंकवाद के खिलाफ महत्वपूर्ण कार्रवाई की है।
- लाल किला विस्फोट से जुड़े सभी मॉड्यूल को नष्ट किया गया।
- सुरक्षा एजेंसियों ने तेजी से कार्रवाई की और बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री जब्त की।
- यह कार्रवाई नागरिकों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है।
- आतंकवाद के खिलाफ भारत का संकल्प मजबूत है।
नई दिल्ली, 12 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपने अडिग संकल्प को प्रदर्शित करते हुए एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। लाल किला के निकट हुए विस्फोट से संबंधित जैश-ए-मोहम्मद मॉड्यूल को नष्ट करने में सख्त और त्वरित कार्रवाई करते हुए भारत ने आतंकवाद का कड़ा जवाब दिया है। यह सफलता हमारे आसूचना एजेंसियों, सुरक्षाबलों और विधि प्रवर्तन अधिकारियों के निरंतर समर्पण को दर्शाती है, जो हमारे नागरिकों की सुरक्षा के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं।
लाल किला के निकट हुए विस्फोट के तार अंततः उस घटना से जुड़े हैं, जिसमें कुछ आपत्तिजनक पोस्टर्स जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के नौगाम पुलिस चौकी के क्षेत्र में मिले थे, जिसके बाद एक प्राथमिकी 19 अक्टूबर, 2025 को दर्ज की गई थी।
इस मामले की जांच में मौलवी इरफान अहमद वाघे को शोपियां से और ज़मीर अहमद को वाकुरा, गांदरबल से 20 से 27 अक्टूबर, 2025 के बीच गिरफ्तार किया गया।
05.11.2025 को डॉक्टर अदील को सहारनपुर से पकड़ा गया और 7 नवंबर, 2025 को एक एके-56 राइफल और अन्य गोला-बारूद अनंतनाग अस्पताल से जब्त हुए। 08.11.2025 को कुछ और हथियार और गोला-बारूद अलफला मेडिकल कॉलेज से प्राप्त हुए।
इनसे पूछताछ के दौरान, इस मॉड्यूल में शामिल अन्य व्यक्तियों के बारे में जानकारी मिली, जिसके आधार पर फरीदाबाद के अलफला मेडिकल कॉलेज से डॉक्टर मुज़म्मिल को गिरफ्तार किया गया। इन सभी सुरागों के आधार पर, और गिरफ्तारी की गईं एवं बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी जब्त किया गया।
09.11.2025 को फरीदाबाद में एक मदरासी नामक व्यक्ति को उसके घर से पकड़ा गया और 10.11.2025 को विस्फोटक सामग्री की एक बड़ी खेप, जिसका वजन 2563 किलो था, धेरा कॉलोनी, फरीदाबाद में एक हफीज मोहम्मद इश्तियाक के घर से जब्त की गई। इस दौरान 358 किलो विस्फोटक सामग्री और डेटोनेटर/टाईमर भी जब्त हुए। इस प्रकार, इस पूरे मॉड्यूल के पास लगभग 3000 किलो विस्फोटक और बम बनाने के उपकरणों को पकड़ा गया। एक व्यक्ति - डॉक्टर उमर - जो इस मॉड्यूल का हिस्सा था और अलफला मेडिकल कॉलेज में कार्यरत था, एजेंसियों की लगातार दबिश के कारण भाग गया।
लाल किला प्रकरण में जिस गाड़ी में विस्फोट हुआ, वह इसी मॉड्यूल के डॉक्टर उमर द्वारा चलाई जा रही थी, ऐसा सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कहा जा सकता है। विस्फोट का कारण भी उसी सामग्री से हुआ है, जिसका संग्रहण फरीदाबाद में किया जा रहा था, जहां से लगभग 3000 किलो विस्फोटक सामग्री जब्त हुई है। यह विस्फोट पूर्व-नियोजित या एक्सीडेंटल था, जो आगे की जांच में स्पष्ट होगा।
इस पूरे प्रकरण का सार यह है कि भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने इस फरीदाबाद मॉड्यूल को नष्ट करके और बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री जब्त करके एक बड़ी साजिश को नाकाम किया है। फरारी उमर एजेंसियों की सफलता के कारण भागा और उसकी घबराहट, लाल किला के विस्फोट का कारण बनी। यह बाद में स्पष्ट होगा कि यह पूर्वनियोजित था या एक्सीडेंटल। हालांकि, यह निश्चित है कि यह एक बड़े मॉड्यूल का पर्दाफाश करने का हिस्सा है।
10.11.2025 को विस्फोट की सूचना मिलते ही दिल्ली पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां तुरंत मौके पर पहुंची। केंद्रीय गृह मंत्री ने एनएसजी, एनआईए और फॉरेंसिक टीम को मौके पर भेजने के निर्देश दिए। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल भेजा गया। इस ब्लास्ट में उपयोग की गई कार की स्वामित्व की पुष्टि कर ली गई है। घटनास्थल से आवश्यक डीएनए, विस्फोटक और अन्य सैंपल एकत्रित कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिए गए हैं। मामले की जांच 11.11.2025 को एनआईए को सौंप दी गई है।
घटना की महत्वपूर्ण टाइमलाइन
10 नवंबर 2025
6.55 PM - दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास विस्फोट हुआ
7.15 PM - गृह मंत्री श्री अमित शाह ने दिल्ली कमिश्नर से फोन पर घटना की जानकारी ली
9:00 PM - गृह मंत्री ने मीडिया को घटना की जानकारी दी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्री से बात कर घटना की जानकारी ली।
09:30 PM - गृह मंत्री एलएनजेपी अस्पताल पहुंचे
09:35 PM – एलएनजेपी अस्पताल में घटना की जानकारी ली
09:45 PM – घायलों से मुलाकात की
09:55 PM – डॉक्टरों से ब्लास्ट के विक्टिमों के बारे में जानकारी ली
10:10 PM – गृह मंत्री ने मीडिया को घटना की जानकारी दी
10:20 PM - गृह मंत्री ने दुर्घटना स्थल का दौरा किया
11 नवंबर 2025
11.00 AM – गृह मंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक की।
02:30 PM – दिल्ली ब्लास्ट की घटना की जांच एनआईए को सौंपी गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्री से विस्तृत जानकारी ली और सतत रिव्यू किया।