क्या भारत-श्रीलंका की ‘मित्र शक्ति’ से दोनों देशों की सेनाओं का आतंकवाद-रोधी अभियान मजबूत होगा?

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क्या भारत-श्रीलंका की ‘मित्र शक्ति’ से दोनों देशों की सेनाओं का आतंकवाद-रोधी अभियान मजबूत होगा?

सारांश

भारत और श्रीलंका की सेनाओं के बीच ‘मित्र शक्ति’ का अभ्यास शुरू हुआ है। यह अभ्यास आतंकवाद-रोधी अभियानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें दोनों सेनाएं संयुक्त रणनीतियां विकसित कर रही हैं। जानिए इस अभ्यास के प्रमुख बिंदु और इसका महत्व।

Key Takeaways

  • भारत-श्रीलंका की सेनाओं के बीच सहयोग
  • आतंकवाद-रोधी अभियानों की रणनीतियां
  • सुरक्षा और स्थिरता में वृद्धि
  • द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती
  • संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में समन्वय

नई दिल्ली, 10 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और श्रीलंका की सेनाओं के बीच ‘मित्र शक्ति’ का शुभारंभ सोमवार को हुआ। ‘मित्र शक्ति’ एक संयुक्त सैन्य अभ्यास है जिसमें दोनों देशों के सैनिक आतंकवाद-रोधी अभियानों की संयुक्त रणनीतियों पर काम करेंगे। इस अभ्यास का आरंभ सोमवार से हुआ है, जिसमें दोनों सेनाएं रेड, सर्च एंड डेस्ट्रॉय मिशन और हेलिबोर्न ऑपरेशन्स का संचालन करेंगी। ड्रोन और काउंटर-अनमैन्ड एरियल सिस्टम का उपयोग भी किया जाएगा।

इस अभ्यास में हेलिपैड की सुरक्षा और घायलों की निकासी का संयुक्त अभ्यास भी शामिल है। कॉम्बैट रिफ्लेक्स शूटिंग और योग सत्र भी इस अभ्यास का हिस्सा होंगे। भारतीय सेना के अनुसार, यह संयुक्त अभ्यास कर्नाटक के बेलगावी में स्थित फॉरेन ट्रेनिंग नोड में 10 नवंबर से शुरू हुआ है और 23 नवंबर तक चलेगा। भारतीय सेना की ओर से 170 सैनिकों की एक टुकड़ी भाग ले रही है, जिसमें मुख्य रूप से राजपूत रेजिमेंट के सैनिक शामिल हैं।

वहीं, श्रीलंका की ओर से 135 सैनिकों का दल भाग ले रहा है, जिन्हें गजाबा रेजिमेंट का समर्थन प्राप्त है। इसके अलावा, भारतीय वायुसेना के 20 और श्रीलंकाई वायुसेना के 10 कर्मी भी इस अभ्यास में भाग ले रहे हैं। ‘मित्र शक्ति-2025’ के माध्यम से दोनों सेनाएं एक-दूसरे के सर्वोत्तम अभ्यासों को साझा कर रही हैं, जिससे दोनों सेनाओं के बीच अंतर-संचालन में वृद्धि होगी और संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशनों के दौरान अभियानों में बेहतर समन्वय संभव होगा।

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह अभ्यास भारत और श्रीलंका के बीच सैन्य सहयोग और द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मित्र शक्ति 2025 का लक्ष्य दोनों सेनाओं के बीच संचालनात्मक तालमेल को सुदृढ़ करना है, ताकि शहरी और अर्ध-शहरी इलाकों में संयुक्त अभियानों को अधिक प्रभावी ढंग से संचालित किया जा सके।

यह संयुक्त सैन्य अभ्यास भारत और श्रीलंका के बीच क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और सुरक्षा के प्रति साझा प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। इसके साथ ही, यह दोनों देशों की सेनाओं के बीच रक्षा सहयोग, सौहार्द, मित्रता और पारस्परिक विश्वास को और गहरा बनाता है। इस संयुक्त अभ्यास में दोनों देशों के सैनिक आतंकवाद-रोधी अभियानों, मानवतावादी सहायता और आपदा प्रबंधन जैसी परिस्थितियों में संयुक्त रूप से कार्य करने की रणनीतियां विकसित कर रहे हैं। ‘मित्र शक्ति’ अभ्यास 2013 में प्रारंभ हुआ था और अब यह भारत और श्रीलंका की सेनाओं के बीच एक प्रमुख द्विपक्षीय सैन्य सहयोग कार्यक्रम के रूप में स्थापित हो चुका है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत और श्रीलंका के बीच यह अभ्यास दोनों देशों के लिए सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। सैन्य सहयोग और द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती से न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा में वृद्धि होगी, बल्कि यह वैश्विक शांति के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है।
NationPress
10/11/2025

Frequently Asked Questions

‘मित्र शक्ति’ अभ्यास कब शुरू हुआ?
यह अभ्यास 10 नवंबर 2023 को शुरू हुआ है और 23 नवंबर 2023 तक चलेगा।
इस अभ्यास में कितने सैनिक भाग ले रहे हैं?
इस अभ्यास में भारतीय सेना के 170 और श्रीलंकाई सेना के 135 सैनिक भाग ले रहे हैं।
क्या इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य है?
इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद-रोधी अभियानों के लिए संयुक्त रणनीतियां विकसित करना है।
‘मित्र शक्ति’ अभ्यास कब से शुरू हुआ था?
यह अभ्यास 2013 में प्रारंभ हुआ था।
इस अभ्यास में कौन-कौन से ऑपरेशन शामिल हैं?
इसमें रेड, सर्च एंड डेस्ट्रॉय मिशन और हेलिबोर्न ऑपरेशन्स शामिल हैं।