क्या भारतीय रेल अगले 5 वर्षों में प्रमुख शहरों में ट्रेनों की क्षमता दोगुनी करने की योजना बना रही है?

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क्या भारतीय रेल अगले 5 वर्षों में प्रमुख शहरों में ट्रेनों की क्षमता दोगुनी करने की योजना बना रही है?

सारांश

भारतीय रेल ने अगले 5 वर्षों में प्रमुख शहरों में ट्रेनों की संचालन क्षमता को दोगुना करने की योजना बनाई है। इस योजना के अंतर्गत नए टर्मिनल, अतिरिक्त प्लेटफार्म और रखरखाव सुविधाओं का विकास शामिल है। इससे यात्रियों को बेहतर सेवा मिलेगी और रेलवे नेटवर्क का उन्नयन होगा।

Key Takeaways

  • भारतीय रेल ने 5 वर्षों में ट्रेनों की क्षमता दोगुना करने की योजना बनाई है।
  • इस योजना में नए टर्मिनल और प्लेटफार्मों का निर्माण शामिल है।
  • यात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
  • पश्चिम रेलवे ने 6 प्रमुख शहरों को चिन्हित किया है।
  • इससे रेलवे नेटवर्क का उन्नयन होगा।

मुंबई, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय रेल ने यात्रियों की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए अगले 5 वर्षों में प्रमुख शहरों से नई ट्रेनों के संचालन की क्षमता दोगुनी करने की योजना बनाई है।

साल 2030 तक ट्रेनों की हैंडलिंग क्षमता दोगुनी करने के लिए जिन उपायों की योजना बनाई गई है, उनमें टर्मिनलों का विस्तार, अतिरिक्त प्लेटफार्मों का निर्माण, नई पिट लाइनों की व्यवस्था, होल्डिंग एवं स्टेबलिंग लाइनों का विकास, शंटिंग व्यवस्थाओं में सुधार, शहरी क्षेत्रों के भीतर एवं आसपास नए टर्मिनलों का निर्माण, मेगा कोचिंग कॉम्प्लेक्स सहित रखरखाव अवसंरचना का विकास और सिग्नलिंग उन्नयन शामिल हैं।

देश के 48 प्रमुख शहरों को कवर करने वाली एक समग्र योजना पर विचार किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत अगले 5 साल में चरणबद्ध रूप से क्षमता बढ़ाई जाएगी ताकि यात्रियों को शीघ्र लाभ मिल सके।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी विनीत अभिषेक के अनुसार, इस राष्ट्रीय योजना के अंतर्गत पश्चिम रेलवे ने अपने क्षेत्राधिकार में क्षमता वृद्धि के लिए छह प्रमुख शहरों: मुंबई, सूरत, वडोदरा, अहमदाबाद, उज्जैन और इंदौर को चिन्हित किया है। इन शहरों में टर्मिनल विस्तार, रखरखाव एवं स्टेबलिंग अवसंरचना के विकास और सेक्शन क्षमता में सुधार के माध्यम से क्षमता संवर्धन किया जाएगा।

पश्चिम रेलवे मुंबई क्षेत्र में यात्रियों के लिए लंबी दूरी की ट्रेनों की हैंडलिंग क्षमता बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। इनमें नए टर्मिनलों का निर्माण, अतिरिक्त लाइनों का विकास, नई रखरखाव सुविधाओं का निर्माण और प्लेटफॉर्म विस्तार शामिल हैं।

वर्तमान में पश्चिम रेलवे मुंबई क्षेत्र से 44 लंबी दूरी की ट्रेनों का संचालन करती है। इन अवसंरचनात्मक कार्यों के पूर्ण होने के पश्चात लगभग 65 अतिरिक्त लंबी दूरी की ट्रेनों के परिचालन की योजना है। इसके अतिरिक्त, मौजूदा ट्रेनों में प्रतिदिन लगभग 70 कोचों की वृद्धि भी प्रस्तावित है।

भीड़भाड़ कम करने और यात्रा परिस्थितियों में सुधार लाने के लिए मुंबई सेंट्रल–दहाणू रोड सेक्शन पर लगभग 6857 करोड़ रुपए की कुल लागत से लाइन क्षमता बढ़ाने के विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं।

30 किलोमीटर लंबी मुंबई सेंट्रल–बोरीवली छठी लाइन परियोजना 919 करोड़ रुपए की लागत से दो चरणों में क्रियान्वित की जा रही है। चरण-I के अंतर्गत खार–कांदिवली खंड का कमीशनिंग पूर्ण हो चुका है, जबकि कांदिवली–बोरीवली खंड का कार्य अंतिम चरण में है और इसके जनवरी 2026 तक पूर्ण होने की संभावना है।

इसके अलावा, बोरीवली–विरार 5वीं और 6वीं लाइन परियोजना 2184 करोड़ रुपए की लागत से और विरार–दहाणू रोड 3री एवं 4थी लाइन परियोजना 3578 करोड़ रुपए की लागत से तीव्र गति से प्रगति पर हैं।

नायगांव–जुईचंद्रा डबल कॉर्ड लाइन परियोजना 176 करोड़ रुपए की लागत से वसई रोड पर लोको रिवर्सल की आवश्यकता समाप्त करते हुए कोंकण रेलवे की ओर सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।

लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए जोगेश्वरी में तीन प्लेटफॉर्मों वाला नया टर्मिनस निर्माणाधीन है, जबकि वसई रोड स्टेशन पर भी लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए नया टर्मिनस विकसित किया जा रहा है।

नए टर्मिनलों के अलावा, मुंबई सेंट्रल, बांद्रा टर्मिनस और दादर टर्मिनल में भी नए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराए जा रहे हैं तथा रखरखाव सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं।

इन सभी अवसंरचनात्मक कार्यों के पूरा होने पर लंबी दूरी और उपनगरीय ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी और यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी।

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “हम यात्रियों की बढ़ती मांग को पूरा करने और भीड़भाड़ को कम करने के लिए विभिन्न शहरों में कोचिंग टर्मिनलों का विस्तार कर रहे हैं तथा अनुभागीय एवं परिचालन क्षमताओं में वृद्धि कर रहे हैं। इस पहल से रेलवे नेटवर्क का उन्नयन होगा और देशभर में बेहतर संपर्क सुविधा उपलब्ध होगी।”

Point of View

जो यात्रियों की बढ़ती मांग को पूरा करने और रेलवे नेटवर्क को उन्नत करने में सहायक होगी। यह न केवल यात्रियों के लिए बेहतर सुविधा प्रदान करेगी बल्कि समग्र रूप से देश की परिवहन क्षमता को भी बढ़ाएगी।
NationPress
27/12/2025

Frequently Asked Questions

भारतीय रेल की नई योजना में क्या शामिल है?
इस योजना में प्रमुख शहरों में ट्रेनों की संचालन क्षमता को दोगुना करने के लिए नए टर्मिनल, प्लेटफार्म और रखरखाव सुविधाओं का विकास शामिल है।
इस योजना का उद्देश्य क्या है?
इस योजना का उद्देश्य यात्रियों की बढ़ती मांग को पूरा करना और रेलवे नेटवर्क का उन्नयन करना है।
कब तक यह योजना लागू होगी?
यह योजना अगले 5 वर्षों में लागू होगी।
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